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दिल्ली में बुजुर्ग महिला के साथ ज्यादती के बाद नृशंस हत्या, जानें नौकर ने उठाया क्यों ये कदम

राजधानी दिल्ली में महिलाएं ही नहीं बल्कि अब वरिष्ठ नागरिक भी अब सुरक्षित नहीं है. इन दिनों दिल्ली में बुजुर्गों के प्रति अपराध बढ़ते जा रहे हैं.

Updated on: 30 Nov 2019, 01:12 PM

नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली में महिलाएं ही नहीं बल्कि अब वरिष्ठ नागरिक भी अब सुरक्षित नहीं है. इन दिनों दिल्ली में बुजुर्गों के प्रति अपराध बढ़ते जा रहे हैं. शनिवार को उत्तरी दिल्ली के किशनगंज इलाके में एक 55 वर्षिय महिला की हत्या कर दी गई. बताया जा रहा है कि बुजुर्ग महिला घर में अकेली रहती थी. वहीं घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस जांच में जुटी हुई है. पुलिस ने इस मामले में बताया कि बुजुर्ग मृतक महिला के कपड़ें फटे हुए थे. शुरुआती जांच से लग रहा है कि बुजुर्ग के साथ यौन उत्पीड़न किया गया है और उसके बाद उसकी हत्या की गई है.

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी का नाम धर्मराज बताया जा रहा है जिसकी उम्र 22 साल है. आरोपी शख्स बुजुर्ग महिला के साथ काफी सालों से काम कर रहा था.

पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी ने अपना जुर्म कुबुलते हुए कहा 'कोई भी काम करने के लिए वो महिला पैसे की मांग कर रही थी और कल उसने जब मुझे गाली और मेरे ऊपर थूका तो मैंने उसके साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी.'

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बता दें कि अभी हाल ही में बीते 28 नवंबर को दक्षिण दिल्ली में एक बुजुर्ग व्यक्ति की उसके आवास पर हत्या कर दी गई थी. मृतक की पहचान चंद्रभान (92) के रूप में हुई थी और उनका शव मोलारबंद क्षेत्र में उनके घर से बरामद हुआ था. पुलिस के मुताबिक बुजुर्ग की हत्या गला दबाकर हत्या की गई थी.

बता दें कि साल 2015 में नेशनव क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने पहली बार बुजुर्गों के खिलाफ हो रहे अपराध के आंकड़े पेश किए थे. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 1100 से भी ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों की हत्या की गई जबकि करीब इतने ही लोग लूट का शिकार भी हुए. वहीं डेढ़ हजार से ज्यादा बुजुर्ग धोखाधड़ी के शिकार भी हुए हैं.

एनसीआरबी की रिपोर्ट की माने तो दिल्ली बुजुर्गों के लिए सबसे असुरक्षित शहर रहा है. यहां प्रति लाख आबादी पर 89 अपराध दर्ज किए गए.  साल 2014 के लिए जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में इस अवधि में सबसे ज्यादा 174 बुजुर्ग लोगों की हत्या हुई. हालांकि तमिलनाडु में भी इसी दौरान 173 बुजुर्गों को मारा गया जबकि महाराष्ट्र में यह संख्या 170 रही.