दिल्ली: पुरानी जगह पर ही बनेगा संत रविदास मंदिर, सुप्रीम कोर्ट ने दी केंद्र के प्रस्ताव को मंजूरी
दिल्ली: पुरानी जगह पर ही बनेगा संत रविदास मंदिर, सुप्रीम कोर्ट ने दी केंद्र के प्रस्ताव को मंजूरी
नई दिल्ली:
दिल्ली के तुगलकाबाद में गिराए गए रविदास मंदिर का उसी जगह पर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के पुरानी जगह पर मन्दिर निर्माण के लिए 400 स्केवर मीटर ज़मीन दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. दरअसल इस मामले में अगस्त में जंगल की जमीन पर बने मंदिर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर DDA ने हटाया था. इसके खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी. कोर्ट ने सोमवार को मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करते हुए केंद्र को 6 हफ्ते एक कमिटी बनाने का आदेश दिया है जो निर्माण कार्य पर नजर रखेगी. इसी के साथ वाणिज्यिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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Delhi's Ravidas temple matter: Supreme Court today accepted Central government's proposal to hand over the demolished Ravidas temple site to a committee of devotees to reconstruct the temple in Tughlakabad area in South Delhi. pic.twitter.com/higGMghwxS
— ANI (@ANI) October 21, 2019
Delhi's Ravidas temple matter: Supreme Court also said that no commercial activity will be allowed, including that of paid parking lot there. It also directed Central government to form a committee within 6 weeks which will be overseeing the construction. https://t.co/K8C8SncLrO
— ANI (@ANI) October 21, 2019
गौरलतब है कि डीडीए ने सुप्रीम कोर्ट के 9 अगस्त के आदेश पर संत रविदास मंदिर को तोड़ दिया था. तब से इसे लेकर प्रदर्शन हो रहा था. इस प्रदर्शन में आप पार्टी भी शामिल थी. 21 अगस्त को जब रविदास मंदिर गिराए जाने के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था तब अचानक भीड़ हिंसक रूप अख्तियार कर लिया. एक घंटे तक अराजक तत्वों में कहीं बाइक जलाई गईं तो कहीं गाड़ियों को तोड़ा गया. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस और बल प्रयोग करना पड़ा था. इस घटना में 100 से ज्यादा गाड़ियां टूटी मिलीं.
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं से मंदिर निर्माण के लिए वैकल्पिक जगह तलाशने के लिए कहा था. दरअसल सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो याचिकाकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हैं लेकिन उसी जगह मंदिर निर्मण की इजाजत नहीं दी जा सकती. हालांकि अब कोर्ट ने पुरानी जगह पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है.
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