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Radiation Fog: दिल्ली में अब रेडिएशन फॉग ने बढ़ाई मुश्किल, जानिए कितना खतरनाक?

Radiation Fog : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत में मौसम तेजी के साथ करवट ले रहा है. फरवरी के महीने में लोगों को मार्च-अप्रैल वाली गर्मी का अहसास हो रहा है. बावजूद इसके दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा देखा जा रहा है

Updated on: 22 Feb 2023, 07:20 PM

New Delhi:

Radiation Fog : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत में मौसम तेजी के साथ करवट ले रहा है. फरवरी के महीने में लोगों को मार्च-अप्रैल वाली गर्मी का अहसास हो रहा है. बावजूद इसके दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा देखा जा रहा है. गर्मी के साथ कोहरा लोगों को कंफ्यूज कर रहा है. भारतीय मौसम विभाग ने इसको रेडिएशन फॉग बताया है. मौसम विभाग का कहना है कि मिनिमम टेंपरेचर गिरने की वजह से बाकि दिनों की अपेक्षा बुधवार को ज्यादा कोहरा देखा गया. दिल्ली के कई इलाकों में रेडिएशन फॉग का असर देखा गया है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि क्या होता है रेडिएशन फॉग?

जानें क्या होता है रेडिएशन फॉग

दरअसल, सूरज ढलने के साथ ही धरती पर टेंपरेचर कम होना शुरू हो जाता है, जिसकी वजह से ठंडक में बढ़ोतरी होती है और हवाओं का ठंडा होना शुरू हो जाता है. बस यहीं से रेडिएशन फॉग का जन्म होता है. वेदर डॉट कॉम की मानें तो रात में हवा ठंडी होने से रेडिएशन फॉग बनता है. एक रिपोर्ट के अनुसार रेडिएशन फॉग सामान्य फॉग से अलग होता है. यह जमीन से एक निश्चित ऊंचाई तक ही बनता है. हालांकि वह एक नियंत्रित माहौल होता है, जिसमें यह बनता है. 

कैसे बनता है रेडिएशन फॉग

धरती से निकलने वाली रेडिएशन हवाओं की तासीर में परिवर्तन कर देती है. यह हवाओं को ठंडा करने में सहायक होती है. ये ठंडी हवाएं जब वायुमंडल में मौजूद गर्म हवाओं के संपर्क में आती हैं तो कोहरा बनता है, जिसको रेडिएशन फॉग कहा जाता है. देर शाम से बनने वाले इस रेडिएशन फॉग का प्रभाव सुबह तक रहता है और सूरज की रोशनी के साथ खत्म हो जाता है. 

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कितना खतरनाक है रेडिएशन फॉग

रेडिएशन फॉग का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो यह सांस के मरीजों के लिए काफी घातक है. इससे हार्ट और सांस की बीमारी बढ़ने का खतरा अधिक होता है. शुरुआत में यह सामान्य खांसी, सर्दी, जुकाम जैसी लगती है, लेकिन बाद में यह फेफड़ों पर बुरा असर डालती है. इससे इम्यून सिस्टम पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.