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डेथ वारंट जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा निर्भया का गुनहगार, नाबालिग होने का किया दावा

निर्भया मामले में एक और मोड़ आ गया है. निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड के दोषी पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी.

Updated on: 17 Jan 2020, 11:51 PM

नई दिल्‍ली:

निर्भया मामले में एक और मोड़ आ गया है. निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड के दोषी पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी. दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले दिनों उसकी नाबालिग होने की याचिका खारिज कर दी थी. बता दें कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड के चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया. गुरुवार को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा था.

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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी कर दिया है. निर्भया के दोषियों को अब एक फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी. शुक्रवार को ही दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में नया डेथ वारंट जारी किया. कानून के अनुसार, दोषी की दया याचिका खारिज होने के बाद उसे 14 दिन का समय दिया जाता है.

शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील इरफान ने कोर्ट को बताया गया है कि राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी है. लिहाजा कोर्ट नया डेथ वारंट जारी किया जाए. वकील ने कहा कि ऐसी सूरत में दोषी मुकेश की ओर से दायर अर्जी का अब कोई औचित्य नहीं रह जाता है, क्योंकि राष्ट्रपति दया अर्जी खारिज कर चुके हैं.

इस पर दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. जीवन मरण के इस केस में मैं मीडिया रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकती हूं. वृंदा ग्रोवर ने शिकायत की कि तिहाड़ जेल में उनके मुवक्किल मुकेश को लीगल इंटरव्यू के लिए इजाजत नहीं दी गई. कोर्ट ने इस पर नाराजगी के साथ तिहाड़ जेल अधिकारियों से पूछा कि ऐसा क्यों हुआ. बाकी तीन दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि उन्होंने जेल अधिकारियों से कुछ दस्तावेज मांगे थे, ताकि वो अपने मुवक्किलों की ओर से अपील दायर कर सके, लेकिन बार बार अनुरोध के बावजूद उन्हें वो दस्तावेज नहीं मिले है.तिहाड़ जेल अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि मुकेश को दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है.

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इस बारे में ऑफिसियल कम्युनिकेशन कोर्ट को सौंपा गया. इस पर जज ने सवाल किया कि ऐसी सूरत में जब एक दोषी की दया याचिका खारिज हो चुकी है, बाकी दोषियों ने अभी कोई मर्सी पिटीशन (दया याचिका) दायर नहीं हुई है, क्या ये जानबूझकर लटकाने की कोशिश नहीं है. वकील एपी सिंह ने कहा कि तिहाड़ जेल से बार बार अनुरोध के बावजूद उनसे मांगे गए दस्तावेज नहीं मिले है, इसलिए अपील उनकी ओर से दायर नहीं हो पा रही है.

एपी सिंहने कहा कि एक क्रिमिनल अपील दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है. हमने सुप्रीम कोर्ट में पवन के नाबालिग होने जा दावा वाली अर्जी दायर की है. वृंदा ग्रोवर ने भी दया याचिका खारिज होने के बाद उपलब्ध कानूनी राहत के विकल्पों के इस्तेमाल के लिए कुछ डॉक्यूमेंट दिए जाने की मांग तिहाड़ जेल से की. लेकिन कोर्ट ने इस मामले में एक फरवरी के लिए नया डेथ वारंट जारी कर दिया.