फिर जहरीली हुई दिल्ली की हवा, इन इलाकों में गंभीर स्तर पहुंचा AQI
कुछ दिनों की राहत के बाद पिछले दो दिनों से दिल्ली की हवा फिर जहरीली हो गई है. मॉर्निंग वॉक पर जा रहे लोगों को आंखो में जलन, सांस लेने में परेशानी जैसी शिकायत हो रही है. स्मोग के कारण राजपथ से राष्ट्रपति भवन तक नज़र नही आ रहा
नई दिल्ली:
कुछ दिनों की राहत के बाद पिछले दो दिनों से दिल्ली की हवा फिर जहरीली हो गई है. मॉर्निंग वॉक पर जा रहे लोगों को आंखो में जलन, सांस लेने में परेशानी जैसी शिकायत हो रही है. स्मोग के कारण राजपथ से राष्ट्रपति भवन तक नज़र नही आ रहा. शुक्रवार को दिल्ली की एयर क्वालिटी 355 पहुंच गई है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. बताया जा रहा है कि हवा के कम प्रवाह की वजह से दिल्ली में प्रदूषण काफी बढ़ गया है और अगले कुछ घंटों में ये और भी बढ़ सकता है. हालांकि अनुमान जताया जा रहा है कि शनिवार को इस प्रदूषण से लोगों को कुछ राहत मिल सकती है.
बात करें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों की तो, रोहिणी में शुक्रवार को एयर क्वालिटी 414, आनंद विहार में 422, नेहरू नगर में 410, द्वारका सेक्टर 8 में 404 और भवाना में 407 दर्ज किया गया है. वहीं दूसरी तरफ गाजियाबाद में aqi 415, ग्रेटर नोए़डा और नोएडा में 402 दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है. ऐसे में फिलहाल दिल्ली के अधिकतर इलकों में दिल्ली की हवा गंभीर स्तर पर पहुंच गई है.
बता दें, इससे पहले गुरुवार को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की समस्या पर बात करते हुए पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में कहा कि इस समस्या पर काबू के लिए सरकार द्वारा विभिन्न कदम उठाए गए हैं और उसका असर भी हुआ है लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण पर काबू के लिए कोई ‘शार्ट-कट’ तरीका नहीं है और इसके लिए सतत प्रयास करना होगा. उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार काम करके जल्दी ही प्रदूषण की समस्या को खत्म करेगी.
जावड़ेकर ने इस दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि हर शहर की समस्या के अलग अलग कारण हैं और उन्हें किसी एक तरीके से हल नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण के प्रबंधन के लिए सरकार ने कारणों पर आधारित दृष्टिकोण अपनाया है.
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारणों में औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन जनित उत्सर्जन, सड़क और मिट्टी की धूल, निर्माण और विध्वंस गतिविधियां, बायोमास और कचरा जलाना शामिल हैं. वाहनों से होने वाले प्रदूषण का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि एक अप्रैल 2020 से ईंधन के साथ साथ वाहनों में बीएस-6 मानक लागू किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सड़कों पर भीड़ को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना और सड़कों में सुधार करने पर भी जोर दिया गया है. उन्होंने पौधारोपण पर जोर देते हुए कहा कि सभी सदस्यों की ऐसी ही राय थी.
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