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चीन में मौजूद भारतीयों की सुरक्षा के लिए हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं : चीनी राजदूत

चीन ने उम्मीद जताई कि हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस के कहर के मद्देनजर भारत उसपर व्यापार पाबंदियां नहीं लगाएगा और देश में लोगों की आवाजाही को भी सीमित नहीं करेगा.

Updated on: 05 Feb 2020, 03:00 PM

दिल्ली:

चीन ने उम्मीद जताई कि हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस के कहर के मद्देनजर भारत उसपर व्यापार पाबंदियां नहीं लगाएगा और देश में लोगों की आवाजाही को भी सीमित नहीं करेगा. चीन के राजदूत स्वन वेइतोंग ने कहा कि चीनी विदेश मंत्रालय और स्थानीय सरकारें भारतीयों और चीन में भारत के कूटनीतिक मिशनों में काम कर रहे लोगों की सुरक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. उन्होंने यह स्वीकार किया कि इस महामारी का चीन की अर्थव्यवस्था पर कुछ वक्त के लिए असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक प्रतिरोध क्षमता बढ़ रही है और आर्थिक अस्थिरता से निपटने के लिए उसके पास पर्याप्त संसाधन और नीतियां हैं.

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उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि कुछ वक्त की मुश्किलों से उसे नुकसान नहीं पहुंचेगा. हमें दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग को निलंबित नहीं बल्कि बढ़ाना चाहिए.' दरअसल, हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस के कहर के मद्देनजर भारत ने एहतियात तौर पर कई अन्य देशों की तरह चीन से लोगों आवाजाही पर पाबंदी लगा दी है.

चीन में वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 490 पर पहुंच गई है और 24,300 लोगों के इसकी चपेट में आने की पुष्टि हुई है. दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति की घोषणा की है.

राजदूत ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय नागरिक कोरोना वायरस को लेकर घबराएंगे नहीं. बेहतर है कि विवेकपूर्ण और शांत रहे और निष्पक्षता और करुणा के साथ चीन के रोकथाम एवं नियंत्रण प्रयासों को परखें.'

उन्होंने कहा कि एक 'जिम्मेदार' देश होने के नाते चीन ना केवल अपने लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा कर रहा है बल्कि दुनियाभर के लोगों की रक्षा कर रहा है. स्वन ने कहा, 'हमें दोनों देशों के बीच व्यापार और सामान्य निजी संवाद सुनिश्चित करने के लिए इस महामारी के नियंत्रण में चीन और भारत के बीच सहयोग के लिए आपकी समझ और समर्थन की आवश्यकता है.'

उन्होंने कहा, 'चीन, भारत के साथ काम करने, संचार एवं समन्वय मजबूत करने और चीन में भारतीय नागरिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की रक्षा करने के लिए तैयार है.' चीन की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के असर पर स्वन ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को लेकर निराशावादी होने की जरूरत नहीं है क्योंकि उसका बुनियाद नहीं बदला है. उन्होंने कहा कि चीन की सरकार के पास आर्थिक अस्थिरता से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन एवं नीतियां हैं और वायरस का चीन की अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक ‘‘सकारात्मक प्रवृत्ति’’ पर असर नहीं पड़ेगा.

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चीनी राजदूत ने कहा, 'चीन के पास सार्स और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट से सफलतापूर्वक निपटने का काफी अनुभव है. इस बार भी कुछ अलग नहीं होगा. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने हाल ही में भरोसा जताया कि चीन की सरकार के पास आर्थिक वृद्धि को स्थिर करने के लिए काफी कुछ है.'

उन्होंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी और उनके भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के बीच वायरस से पैदा हुई स्थिति से निपटने के तरीकों पर गत सप्ताह टेलीफोन पर हुई बातचीत का भी जिक्र किया.

उन्होंने कहा, 'टेलीफोन पर हुई बातचीत में वांग ने कहा कि वैश्विकरण के इस युग में अंतरदेशी जन स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए हमें वस्तुनिष्ठ और विवेकपूर्ण रहने और संचार एवं समन्वय बढ़ाने की जरूरत है.' स्वन ने कहा कि जयशंकर ने कहा था कि वस्तुनिष्ठ और विवेकपूर्ण तरीके से इस संकट का मूल्यांकन करना और ऐसे कदम न उठाना महत्वपूर्ण है जो स्थिति को और जटिल बनाए.

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गौरतलब है कि शनिवार को चीन के वुहान शहर से 342 भारतीयों को वापस लाया गया जबकि रविवार को 323 भारतीयों और मालदीव के सात नागरिकों को बाहर निकाला गया था. चीनी राजदूत ने कहा, 'जब डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने एलान किया कि 2019-कोरोना वायरस अंतरराष्ट्रीय चिंता की जन स्वास्थ्य आपात स्थिति है, इसमें जोर दिया गया कि वह किसी तरह की यात्रा या व्यापार पाबंदी की सिफारिश नहीं करता है.' उन्होंने कहा, 'यह घोषणा इस बारे में नहीं है कि चीन में क्या हो रहा है बल्कि अन्य देशों के बारे में भी है जहां साफ सफाई की खराब स्थितियां हैं. यह चीन में अविश्वास का वोट नहीं है.'