logo-image

छत्तीसगढ़ की तत्कालीन हेल्थ डायरेक्टर शिखा राजपूत तिवारी के खिलाफ बिठाई गई जांच

जांच का जिम्मा स्पेशल सेक्रेटरी हेल्थ भुवनेश यादव को सौंपा गया है. जांच प्रतिवेदन दस दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.

Updated on: 18 Jul 2019, 08:17 AM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ की तत्कालीन हेल्थ डायरेक्टर और वर्तमान में बेमेतरा कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी के खिलाफ राज्य शासन ने जांच बिठा दी है. यह जांच आयुष्मान भारत, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा और संजीवन सहायता कोष योजना में हुई गड़बड़ियों की शिकायत के बाद बिठाई गई है. जांच का जिम्मा स्पेशल सेक्रेटरी हेल्थ भुवनेश यादव को सौंपा गया है. जांच प्रतिवेदन दस दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें- स्कूलों में अंडा परोसने को लेकर सहमति नहीं बनने पर घरों में अंडा पहुंचाने का आदेश

शिखा राजपूत तिवारी हाल ही में बेमेतरा कलेक्टर बनाई गई है. पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के एडिशनल सीईओ विजयेंद्र कटरे की संविदा नियुक्ति से जुड़े एक मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव की नाराजगी के बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद स्वास्थ्य महकमे में इसे खींचतान से जोड़कर भी देखा गया.

सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक को बिलासपुर, जांजगीर चांपा और रायपुर के कुछ डाक्टरों ने लिखित शिकायत दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आयुष्मान भारत, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा और संजीवनी सहायता कोष के क्लेम में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- मॉनसून सत्र खत्म होते ही छत्तीसगढ़ में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी कांग्रेस

डाक्टरों ने अपने आरोप में कहा था कि अस्पतालों से अवैध वसूली की जा रही है. जानबूझकर भुगतान रोके जा रहे हैं. भुगतान के बदले 5 से 10 फीसदी तक कमीशन की मांग की जा रही है. इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सचिव निहारिका बारिक ने स्पेशल सेक्रेटरी हेल्थ भुवनेश यादव को जांच का जिम्मा देते हुए दस दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन तलब किया है.

यह वीडियो देखें-