'भगवान ना करे... शरद जी के जैसा किसी का अंत हो', नीतीश-लालू पर उपेंद्र कुशवाहा का तंज
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि शरद यादव जी इस बात को लेकर अक्सर परेशान रहते थे कि उनका समाचार लेनेवाला कोई नहीं था.
highlights
- शरद यादव का 75 की उम्र में निधन
- उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी के नेताओं पर साधा निशाना
- अंतिम समय में उनकी सुधि लेनेवाला कोई नहीं था
Patna:
जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के निधन पर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दुख जताया है. साथ ही उपेंद्र कुशवाहा ने बिना नाम लिए लालू यादव और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसा है. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि भगवान ना करे कि इस तरह से किसी को अंत मिले. उपेंद्र कुशवाहा ने शरद यादव के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वो जीवन भर दलितों और वंचितों के लिए संघर्ष करते रहे लेकिन उनका अंत जिस रूप में हुआ वैसा किसी का भी ना हो.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हाल के दिनों में जिस तरह से मानसिक स्थिति उनकी थी वह बहुत दुखद थी. भगवान ना करे कि इस तरह का अंत किसी को मिले. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जिन लोगों को उन्होंने राजनीतिक रूप से संघर्ष करके आगे बढ़ाया और जब उनका अंतिम समय आया तो वही लोग उनसे बात करना तक छोड़ दिए थे. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि शरद यादव जी इस बात को लेकर अक्सर परेशान रहते थे कि उनका समाचार लेनेवाला कोई नहीं था.
ये भी पढ़ें-शरद यादव: आखिरी ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट के लिए कही थी ये बात
उन्होंने इशारों इशारों में अपने ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि शरद जी के निधन की खबर रात में ही मिली. ये एक बहुत ही दुखद खबर है. शरद जी के निधन से जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई किसी भी प्रकार से संभव नहीं है. वो देश में सामाजिक न्याय के एक केंद्र बन गए थे. उनके अलावा कोई दूसरा केंद्र ही नहीं बचा था. उन्होंने कहा कि दिल्ली से यही निर्देश देते थे तो सामाजिक न्याय की गतिविधि चलती थी. उनके जाने के बात वह सेंटर ही समाप्त हो गया है. इससे बड़ा नुकसान और क्या हो सकता है.
महान समाजवादी नेता एवं देश में सामाजिक न्याय के वर्तमान समय के सबसे बड़े व सच्चे प्रहरी, हमारे अभिभावक श्री शरद यादव जी के निधन की खबर अत्यंत ही दुखद है। उनके जाने से देश में सामाजिक विषमता के खिलाफ एक खास किस्म के संघर्ष का अंत हो गया। इस दुख की घड़ी में मैं...1/2.. pic.twitter.com/UqhdKTO2UQ
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushJDU) January 12, 2023
बता दें कि, शरद यादव बीते काफी समय से बीमार चल रहे थे. वो गुर्दे की बीमारी से ग्रसित थे. गुरुवार रात उन्हें जब सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हुई तो उन्हें गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान शरद यादव की मौत हो गई. शरद यादव के निधन की जानकारी उनकी बेटी सुभाषिनी ने यादव ने फेसबुक पेज पर दी थी. शरद यादव डॉक्टर लोहिया के आदर्शों से बहुत प्रेरित थे.
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