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Bihar Politics : 18 साल में 3 बार नीतीश कुमार से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा, हर बार हिट विकेट

बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है. उपेंद्र कुशवाहा ने महीनों से चल रही JDU की अंतर्कलह को खत्म कर दिया और खत्म करने का तरीका है नई पार्टी का ऐलान.

Updated on: 20 Feb 2023, 05:10 PM

highlights

  • JDU की सदस्यता से भी कुशवाहा का इस्तीफा
  • उपेंद्र कुशवाहा ने किया नई पार्टी बनाने का ऐलान
  • बैठक में नई पार्टी बनाने का प्रस्ताव पास
  • सिंबल और नाम के लिए उपेंद्र कुशवाहा अधिकृत

Patna:

बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है. उपेंद्र कुशवाहा ने महीनों से चल रही JDU की अंतर्कलह को खत्म कर दिया और खत्म करने का तरीका है नई पार्टी का ऐलान. यानी अब कुशवाहा अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरूआत करेंगे और अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी के साथ JDU को चुनावी रण में टक्कर देंगे. 2 सालों के शीतयुद्ध और महीनों से चल रहा वार-पलटवार के दौर का नतीजा नई पार्टी का ऐलान है.

उपेंद्र कुशवाहा के इस ऐलान ने आज पूरे बिहार की सियासत में नया मोड़ ला दिया है. कुशवाहा की नई पार्टी की घोषणा हो गई है. यानी जो वार-पलटवार पहले बैकफुट पर होती थी अब वो आर-पार की लड़ाई होगी. सहयोगी एक दूसरे के विरोधी होंगे और बड़े भाई नीतीश कुमार प्रतिद्वंदी होंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने JDU से अपना बंधन तोड़ लिया है. बड़े भाई नीतीश कुमार से भी मुंह मोड़ लिया है. अब कुशवाहा अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरूआत करेंगे. आगामी चुनाव में JDU नहीं बल्कि राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी की जीत की बात करेंगे. 

2021 में ही कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का JDU में विलय किया और 2 साल बाद अब एक बार फिर कुशवाहा ने पार्टी से अपने रास्ते अलग कर लिए हैं. ऐलान के दौरान कुशवाहा की नीतीश को लेकर नाराजगी भी खुलकर सामने आई जहां उन्होंने जमकर सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा. कुशवाहा ने तेजस्वी यादव को उत्तराधिकारी बनाने को लेकर भी नाराजगी जताई. साथ ही उन्होंने JDU की विधानपरिषद की सदस्यता का भी त्याग कर दिया है.

कुशवाहा ने नई पार्टी के ऐलान के साथ ही ये साफ कर दिया कि अब 2024 में वो अपने सहयोगी नीतीश को चुनावी समर में कांटे की टक्कर देने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि ये कुशवाहा का तीसरा मौका है जब उन्होंने JDU से नाता तोड़कर अलग पार्टी बनाने का ऐलान किया है. पहली बार 2009- राष्ट्रीय समता पार्टी बनाई. जिसका 2009 में JDU में विलय हो गया. 2013 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन किया, लेकिन दोनों बार चुनाव में उनकी पार्टियां हिट विकेट साबित हो गई थी. हालांकि इस बार उनकी पार्टी क्या कमाल करेगी ये तो पता नहीं, लेकिन JDU से अलग होने के फैसले ने प्रदेश में सियासी पारा जरूर हाई कर दिया है. 

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