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सुशील मोदी का CM नीतीश पर हमला, कहा- अटलजी का नाम लेकर भाजपा को बांटने की कोशिश

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार बुधवार को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली पहुंचे.

Updated on: 16 Aug 2023, 06:17 PM

highlights

  • सुशील मोदी का सीएम नीतीश पर हमला
  • अटलजी ने बनाया एनडीए
  • नीतीश कुमार ने दो बार दिया धोखा

Patna:

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार बुधवार को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली पहुंचे. बता दें कि 16 अगस्त, 2018 को वाजपेयी जी का निधन हुआ था और तब से हर साल उनकी समाधिस्थल 'सदेव अटल' पर उनकी पुण्यतिथि मनायी जाती है. इन 5 सालों में ऐसा पहली बार हुआ जब सीएम नीतीश भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली पहुंचे. जिस पर निशाना साधते हुए सुशील मोदी ने कहा कि देश को कांग्रेस-मुक्त, टिकाऊ और सक्षम सरकार देने के लिए अटल बिहारी बिहारी वाजपेयी ने जिस राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( एनडीए) का गठन किया था, उसे दो बार धोखा देने वाले नीतीश कुमार आज किस मुंह से अटल जी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं? 

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अटलजी का नाम लेकर भाजपा को बांटने की कोशिश

इसके साथ ही सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को दो बार केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री बनाने में जनसंघ-भाजपा के शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी की भूमिका थी, लेकिन इन्होंने लालू प्रसाद और कांग्रेस से हाथ मिला कर अटलजी को धोखा दिया. उनकी आत्मा कराह रही होगी. पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे, दोनों एक ही विचार-प्रवाह के लिए प्रतिबद्ध रहे, लेकिन नीतीश कुमार भाजपा में फूट डालने के लिए अटलजी की प्रशंसा और पीएम मोदी की आलोचना करते हैं. यह कुचेष्टा कभी सफल नहीं होगी.  

वाजपेयी के समय ही हटती धारा-370 

यदि वाजपेयी जी की एनडीए सरकार में भाजपा के पास अकेले ही पूर्ण बहुमत होता, तो धारा -370 हटाने और भव्य राम मंदिर के पुनर्निर्माण के विघ्न दूर करने जैसे काम उसी समय हो जाते. अटल-आडवाणी से मोदी-शाह तक भाजपा सदैव एक और एकजुट है. हमने अपने मूल मुद्दे कभी नहीं छोड़े और जो 2014 में लाल किले पर तिरंगा फहराने आये थे, वही 2019 में आये और अब वही अधिक शक्तिशाली होकर 2024 में भी आएंगे. नीतीश कुमार भ्रम में ना रहें.