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बिहार पुलिस जुटा रही आरएसएस और उनसे जुड़े संगठनों की जानकारी

वहीं इस पर पुलिस अधिकारी भी मौन हैं. विशेष शाखा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उससे जुड़े संगठनों और उसके अधिकारियों की जानकारी एकत्र करने का फरमान जारी किया है.

Updated on: 17 Jul 2019, 03:00 PM

New Delhi:

बिहार पुलिस की विशेष शाखा (स्पेशल ब्रांच) के एक आदेश के सार्वजनिक होने के बाद से न केवल बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है, बल्कि इस विषय पर चर्चाओं का बाजार भी गरम है. वहीं इस पर पुलिस अधिकारी भी मौन हैं. विशेष शाखा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उससे जुड़े संगठनों और उसके अधिकारियों की जानकारी एकत्र करने का फरमान जारी किया है. यह आदेश इस साल 28 मई को विशेष शाखा द्वारा सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-अधीक्षक, विशेष शाखा और सभी जिला विशेष शाखा के पदाधिकारियों को जारी किया गया है.

आदेश में इन संगठनों के पदाधिकारियों के नाम और पते की जानकारी एक सप्ताह के अंदर देने को कहा गया है.आदेश पत्र को 'अतिआवश्यक' बताया गया है. विशेष शाखा की ओर से जारी आदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण समन्वय समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वेदशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन के पदाधिकारियों का नाम और पता मांगा गया है.

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इस आदेश की प्रति सार्वजनिक होने पर पुलिस अधिकारी और भाजपा के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रहे जद (यू) के नेता भी कुछ बोल नहीं पा रहे हैं. बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इतना कहा, "मुझे इसकी जानकारी नहीं है.मैं पार्टी का छोटा कार्यकर्ता हूं.यह मुझे नहीं मालूम." इधर, भाजपा के नेता और मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आरएसएस सामाजिक दायित्वों को निभाने वाला संगठन है.विपक्षी दल इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष पर निशाना साध रही है.