समान नागरिक संहिता का विरोध और वोट बैंक की हो रही राजनीति: सुशील मोदी
उन्होंने ने कहा कि दुनिया के अधिकतर देशों में नागरिक कानून सबके लिए समान हैं, लेकिन भारत में धर्म-विशेष के वोट-बैंक की राजनीति करने वाले लोग समान नागरिक संहिता का विरोध करते हैं.
highlights
- समान नागरिक संहिता की सुशील मोदी ने की वकालत
- 'दुनिया के अधिकतर देशों में कानून एक समान'
- देश में धार्मिक पहचान के आधार पर अलग-अलग कानून क्यों?-सुशील मोदी
Patna:
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएण व बीजेपी से राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हुए कहा कि जब भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) में सभी धर्म के लोगों के लिए सजा का कानून समान है, तब विवाह, तलाक, गुजारा-भत्ता से संबंधित नागरिक कानून (फैमिली लॉ) में समानता क्यों नहीं होनी चाहिए? उन्होंने ने कहा कि दुनिया के अधिकतर देशों में नागरिक कानून सबके लिए समान हैं, लेकिन भारत में धर्म-विशेष के वोट-बैंक की राजनीति करने वाले लोग समान नागरिक संहिता का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि बात-बात पर संविधान की दुहाई देने वाले विपक्षी दल संविधान की धारा - 44 की चर्चा क्यों नहीं करते , जिसमें देश की निर्वाचित सरकार से समान नागरिक संहिता लागू करने की अपेक्षा की गई है?
ये भी पढ़ें-विश्वविद्यालय में "लापता कुलपति" के छात्रों ने लगाए पोस्टर लगाए, अधिकारियों से पूछा पता
सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी आधा दर्जन से अधिक मामलों में सुनवाई के दौरान समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही. उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से आधी आबादी को बड़ी राहत मिलेगी और धर्म के नाम पर उनके समानता के अधिकारों का हनन नहीं हो सकेगा. सुशील मोदी ने कहा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में जब किसी का धर्म देख कर सजा तय नहीं होती, तब पारिवारिक मामलों में धार्मिक पहचान के आधार पर अलग-अलग कानून क्यों होने चाहिए?
वंशवादी दलों को जुटा रहे नीतीश कुमार
सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी एकता के नाम पर भ्रष्टाचार में डूबे वंशवादी दलों की बैठक बुलायी गई है और ये सभी दल केवल अपनी-अपनी दुकान बचाने के लिए एक-साथ द्ख रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस जुटान का न देशहित, लोकतंत्र और विकास से कोई वास्ता है और न इनमें से कोई दल अपने प्रभाव वाले राज्य में दूसरे गैर-भाजपा दल से हाथ मिलाने को तैयार हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि जिन दलों ने इसमें भाग लेने की सहमति दी है, उनमें कांग्रेस, राजद, सपा, टीएमसी, माकपा, झामुमो, द्रमुक सहित दर्जन-भर पार्टियां ऐसी हैं, जिनका नेतृृत्व किसी एक परिवार के हाथ में है और जिनके बड़े नेता भ्रष्टचार के मामलों में जेल या बेल के बीच झूल रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद चारा घोटाला के सभी मामलों में सजायाफ्ता होकर जमानत पर हैं. राजद में दूसरी पीढी के नेता नौकरी के बदले जमीन मामले में कभी भी जेल जा सकते हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा