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मधुबनी में NIA ने की छापेमारी, PFI मामले में लिया एक्शन

मधुबनी में आज एक बार फिर से एनआईए ने छापेमारी की है. ये छापेमारी बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के मकिया गांव में की गई है.

Updated on: 30 Jul 2023, 06:53 PM

highlights

  • मधुबनी में NIA ने की छापेमारी
  • एक शिक्षक के घर की एजेंसी ने छापेमारी
  • शिक्षक और उनकी बेटी से हो रही पूछताछ
  • शिक्षक के बेटे को दिल्ली एयरपोर्ट ने एनआईए ने पकड़ा
  • बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के मकिया गांव में की गई छापेमारी

Madhubani:

मधुबनी में आज एक बार फिर से एनआईए ने छापेमारी की है. ये छापेमारी बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के मकिया गांव में की गई है. एनआईए द्वारा छापेमारी एक उज्जैर नाम के शिक्षक के घर की गई है. एनआईए ने शिक्षक के बेटे को आज ही दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा है. फिलहाल शिक्षक और उनकी बेटी से एनआईए छापेमारी कर रही है. छापेमारी के दौरान क्या मिला है? इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आ पाई है. हालांकि, ये जानकारी जरूर सामने आई है कि एनआईए द्वाार ये छापेमारी पीएफआई कनेक्शन को लेकर की गई है.

एनआईए की 10 सदस्यीय टीम पहुंची थी छापेमारी करने

मधुबनी जिला के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के बिशनपुर पंचायत के मकिया गांव के मो. एहतेशाम के घर पर रविवार को एनआईए की करीब दस सदस्यीय टीम ने पहुंचकर आधा घंटा तक छापामारी की. छापामारी के बाद एनआईए की टीम मो. एहतेशाम के पिता मो. उजैर अहमद एवं उसकी बहन मैबिस व आलिया को अपने साथ बेनीपट्टी थाना लेकर आई और उनलोगों से थाने में करीब 4 घंटों तक गहन पूछताछ की. एनआईए की टीम के द्वारा मो. एहतेशाम के पिता व दोनों बहनों को थाने के कमरों में अलग-अलग रखकर पूछताछ की गई. मो. एहतेशाम के पिता एवं दोनों बहनों के पास रहे अलग-अलग मोबाइलों को भी एनआईए की टीम ने जब्त कर थाना में खंगाला. जाते वक्त एनआईए की टीम एक मोबाइल को अपने साथ जब्ती सूची बनाकर लेती गई.

सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान एनआईए की टीम ने मो. एहतेशाम व उसकी बहन के बीच मोबाइल से सोशल साईट्सों पर हुई चेटिंग व बातचीत की भी गहन जांच की. एहतेशाम के पिता मो. उजैर अहमद अपने गांव मकिया स्थित मकतब स्कूल में शिक्षक हैं. वहीं बहन मैबिस जहां मकिया गांव स्थित एक मदरसा में पढ़ाई करती हैं वहीं आलिया मकिया गांव में ही स्थित एक मदरसा में बच्चों को पढ़ाती हैं. मो. एहतेशाम ने मध्यप्रदेश के भोपाल से पहले बी-टेक की पढ़ाई की. उसके बाद गुजरात के किसी कंपनी में नौकरी शुरू की. एहतेशाम कुल दो भाई व छह बहन है. दूसरा भाई उससे छोटा है जो करीब 10 साल का है. जबकि एहतेशाम का उम्र करीब 26 वर्ष है.

ओमान जाने की फिराक में था एहतेशाम

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मो. एहतेशाम को रविवार की सुबह को दिल्ली एयरपोर्ट पर एनआईए के द्वारा गिरफ्तार किया गया. मो. एहतेशाम दिल्ली एयरपोर्ट से प्लेन से ओमान जाने की फिराक में था. इससे पूर्व एनआईए ने उसे दिल्ली एयरपोर्ट से अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद एनआईए के करीब 10 सदस्यीय टीम दो चार चक्के वाले वाहन से बेनीपट्टी थाना पहुंची और फिर स्थानीय पुलिस के साथ मकिया स्थित मो. एहतेशाम के घर पर जाकर छापामारी की. तत्पश्चात एनआईए की टीम मो. एहतेशाम के पिता एवं दो बहनों को अपने साथ थाना लाकर चार घंटों तक गहन पूछताछ की.

बॉंड भरवाकर थाने से छोड़ा

बाद में जाते वक्त एनआईए की टीम ने मो. एहतेशाम के पिता व दोनों बहनों को पीआर बांड बनाकर थाना से छोड़ दिया. इसके बाद उसके पिता व दोनों बहन ग्रामीण लोगों के साथ एक चार चक्के वाली गाड़ी से मकिया गांव स्थित अपने घर चले गए. दिल्ली एयरपोर्ट से ओमान जाने के क्रम में मो. एहतेशाम को एनआईए की टीम ने आखिर किस आरोप में गिरफ्तार किया है इस बात की जानकारी न तो एनआईए की टीम से मिली और न ही स्थानीय थाना पुलिस से. लेकिन, चर्चा है कि पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से जुड़ाव रहने के कारण मो. एहतेशाम को दिल्ली एयरपोर्ट से ओमान जाने के क्रम में एनआईए ने गिरफ्तार किया है.

परिजनों के पास एहतेशाम के बारे में जानकारी नहीं

इधर, दिल्ली में गिरफ्तार एहतेशाम के पिता ने इस संबंध में उन्हें व उनके परिवारवालों को कोई भी जानकारी नहीं रहने की बात कही है. बता दें कि इससे करीब एक साल पूर्व मकिया गांव के ही पीएफआई से जुड़े मो. तौसीफ की खोज में उसके घर पर घंटों छापामारी कर उसके परिजनों से गहन पूछताछ कर चुकी है. हालांकि, मो. तौसीफ अब तक एनआईए की गिरफ्त से बाहर है. वहीं इससे पूर्व मो. तौसीफ को पटना पुलिस देश विरोधी नारेबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले में बाद में उसे कोर्ट ने जमानत पर जेल से रिहा कर दिया था.

पीएफआई को भारत सरकार ने किया है बैन

गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके आठ अन्य संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) यानी देश की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा बताते हुए पांच साल के लिए प्रतिबंधित (Ban) कर दिया है. यूएपीए  के अनुच्छेद 3 के तहत अब मामला न्यायाधिकरण के पास जाएगा. न्यायाधिकरण यह तय करेगा कि क्या पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त कारण मौजूद हैं, जो उसे गैरकानूनी संगठन करार देकर प्रतिबंधित किया जा सके.  यूएपीए के कानूनी प्रावधानों से परिचित विशेषज्ञों की मानें तो अनुच्छेद 4 के तहत केंद्र सरकार को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम अधिसूचना को न्यायाधिकरण के समक्ष 30 दिन के भीतर प्रस्तुत करनी होगी. न्यायाधिकरण के समक्ष पेश करते वक्त राष्ट्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य राज्यों की पुलिस द्वारा पीएफआई और उसके कार्यकर्ताओं पर दायर किए गए मुकदमों की विस्तृत जानकारी भी संलग्न रहेगी. 

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PFI के सहयोगी संगठनों पर भी लगा बैन

केंद्र सरकार ने PFI के साथ - साथ उसके 8 संगठनों पर भी बैन लगा दिया है. इन संगठनों में रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल शामिल हैं.

CAA विरोधी प्रदर्शनों में दिखी पीएफआई की ताकत

पीएफआई ने अपनी बढ़ती जमीनी ताकत का ट्रायल सीएए विरोधी प्रदर्शनों में किया. संविधान सुरक्षा आंदोलन के नाम पर पीएफआई ने एक समन्वय मंच स्थापित किया हुआ था. और इस आंदोलन के सहारे पीएफआई ने अपने आपको मुस्लिमों की हित रक्षक सबसे मजबूत संस्था के तौर पर दिखाया और नए नए इलाकों में अपनी पैठ बनाई. लेकिन देश की सुरक्षा एजेंसियों को चौकाने वाली सबसे बड़ी घटना थी, जब आईएसआईएस में केरल से कुछ लोग शामिल हुए और देश छोड़ कर सीरिया, इराक और अफगानिस्तान की आतंकी गतिविधियों में शामिल होने पहुंच गये. जांच में पता चला कि इनमें से कुछ लोग पीएफआई के कार्यकर्ता थे. पीएफआई जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश के रिश्तों पर एजेंसियों ने नजर गड़ाई.