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जस्टिस के. विनोद चंद्रन होंगे पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश

केरल हाईकोर्ट के वरिष्ठत न्यायाधीश जस्टिस के.विनोद चंद्रन पटना हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायधीश होंगे. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्त करने की अनुशंसा कर दी है.

Updated on: 09 Feb 2023, 07:00 AM

highlights

  • जस्टिस के. विनोद चंद्रन होंगे पटना हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायधीश
  • सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की सिफारिश

Patna:

केरल हाईकोर्ट के वरिष्ठत न्यायाधीश जस्टिस के.विनोद चंद्रन पटना हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायधीश होंगे. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्त करने की अनुशंसा कर दी है. बता दें कि पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल के सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के बाद से ये पद खाली हो गया था. फिलहाल पटना हाईकोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह कार्यभार संभाल रहे हैं. बताते चलें कि इससे पहले जस्टिस के. विनोद चंद्रन को गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश की गयी थी. केंद्र सरकार की मुहर के बाद जस्टिस विनोद के. चंद्रन पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे. जस्टिस के. विनोद चंद्रन 24 अप्रैल 2025 को वे सेवानिवृत होंगे. 

क्या होता है कॉलेजियम सिस्टम?

कॉलेजियम सिस्टम सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के माध्यम से विकसित एक प्रणाली है, जो जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर पोस्टिंग से संबंध रखती है. संविधान के अनुच्छेद 124 और 217 सर्वोच्च और उच्च न्यायालय में क्रमशः न्यायाधीशों की नियुक्ति से सम्बद्ध हैं लेकिन कॉलेजियम प्रणाली संसद के किसी अधिनियम या संविधान के प्रावधान द्वारा स्थापित नहीं किया गया है. इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम का नेतृत्त्व भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) करते हैं और इसमें न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश भी शामिल होते हैं.

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एक उच्च न्यायालय कॉलेजियम का नेतृत्त्व उसके मुख्य न्यायाधीश और उस न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश द्वारा किया जाता है. 1990 में सर्वोच्च न्यायालय के दो फैसलों के बाद कॉ़लेजियम सिस्टम बनाया गया था औऱ 1993 से इसी के माध्यम से उच्च न्यायपालिका में न्यायधीशों की की नियुक्तियाँ होती हैं. उच्च न्यायालयों के कौन से जज पदोन्नत होकर सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे इस बात का भी फैसला कॉलेजियम ही करता है. कॉलेजियम की सिफारिशें पीएम और राष्ट्रपति को भेजी जाती हैं और उनकी मंज़ूरी मिलने के बाद ही न्याधीशों की नियुक्ति की जाती है.