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अररिया में पत्रकारों ने निकाला आक्रोश मार्च, प्रशासन से की ये मांगें

कैमूर जिले के भभुआ शहर की सड़कों पर आज पूरे जिले भर के पत्रकारों ने आक्रोश मार्च निकाला. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम डीएम और एसपी को मांग पत्र सौंपा.

Updated on: 23 Aug 2023, 02:43 PM

highlights

  • कैमूर में पत्रकारों ने निकाला आक्रोश मार्च
  • प्रशासन के सामने पत्रकारों की मांग
  • परिवार के लिए 1 करोड़ का मांगा मुआवजा

Araria:

कैमूर जिले के भभुआ शहर की सड़कों पर आज पूरे जिले भर के पत्रकारों ने आक्रोश मार्च निकाला. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम डीएम और एसपी को मांग पत्र सौंपा. पत्रकारों की मुख्य मांग थी कि पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराया जाए. पत्रकार विमल यादव की पत्नी को सरकारी नौकरी दिया जाए और उन्हें एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि दी जाए. हत्यारों का स्पीडी ट्रायल चला कर फांसी की सजा दी जाए. जानकारी देते हुए कैमूर जिले के वरिष्ठ पत्रकार बागेश्वरी द्विवेदी ने बताया कि पत्रकार कलाम के सिपाही होती हैं. अगर कलम ही रुक जाएगा, तो देश को खतरा उत्पन्न हो जाएगा. 

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कैमूर में पत्रकारों ने निकाला आक्रोश मार्च

अररिया के पत्रकार विमल यादव की गोली मारकर हत्या के विरोध में हम सभी पत्रकार साथियों ने भभुआ शहर के एकता चौक से समाहरणालय भभुआ तक आक्रोश मार्च निकालकर सीएम के नाम कैमूर एसपी और डीएम के अनुपस्थिति में कैमूर डीएम को ज्ञापन सौंपा गया है. जानकारी देते हुए पत्रकार उदय शुक्ला ने बताया अररिया के पत्रकार के हत्या के विरोध में हम सभी कैमूर जिले के पत्रकार भभुआ शहर के मुख्य सड़कों पर आक्रोश मार्च निकालते हुए डीएम और एसपी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है. जिसमें मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा, उनकी पत्नी को नौकरी सहित पत्रकारों की सुरक्षा की भी मांग रखी गई है.

प्रशासन के सामने पत्रकारों की मांग

कैमूर जिले के पत्रकार विकास सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह से अपराधी जेल में रहते हुए प्रशासन को चुनौती देते हुए विमल यादव की हत्या कर उन्होंने पुलिस प्रशासन को ही नहीं चुनौती दी, बल्कि कोर्ट को भी चुनौती दी कि विमल यादव अपने बड़े भाई की हत्या के इकलौते गवाह थे. गवाह को ही खत्म कर दिया गया. वैसे लोगों को स्पीडी ट्रायल चला कर फांसी की सजा होनी चाहिए. उस परिवार के दो बेटे मारे जा चुके हैं, जिसको लेकर विमल यादव की पत्नी को सरकारी नौकरी और सुरक्षा मिले मिले और पत्रकारों की सुरक्षा सरकार सुनिश्चित करें.