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Bihar News: बिहार में 1 करोड़ 23 लाख मनरेगा मजदूरों के जॉब कार्ड रद्द, जानिए वजह

जॉब कार्ड से आधार कार्ड लिंक नहीं होने के चलते सरकार ने ये जॉब कार्ड को रद्द किया है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियान चलाकर 3,85,69,626 में से कुल 1,23,13,927 जॉब कार्ड निरस्त किए गए हैं.

Updated on: 02 May 2023, 02:28 PM

highlights

  • बिहार में 1 करोड़ 23 लाख मनरेगा जॉब कार्ड रद्द
  • कई कार्ड पाए गए फर्जी
  • कई में आधार नंबर लिंक नहीं थे
  • कई में लाभार्थियों की मृत्यु हो गई थी

Patna:

बिहार में सरकार ने करीब 1 करोड़ 23 लाख मनरेगा मजदूरों के जॉब कार्ड को रद्द कर दिया है. जॉब कार्ड से आधार कार्ड लिंक नहीं होने के चलते सरकार ने ये जॉब कार्ड को रद्द किया है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियान चलाकर 3,85,69,626 में से कुल 1,23,13,927 जॉब कार्ड निरस्त किए गए हैं. मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान पाया गया कि कई जॉब कार्ड फर्जी थे, कई में आधार नंबर लिंक नहीं थे और कई में लाभार्थियों की मृत्यु हो गई थी. इसके साथ ही उन लाभार्थियों के जॉब कार्ड भी रद्द किए गए हैं, जो कई वर्षों से दूसरे राज्यों में पलायन कर चुके हैं और यहां निष्क्रिय हैं.

जेडीयू MLC खालिद अनवर ने क्या कहा

मामले को लेकर जेडीयू MLC खालिद अनवर ने कहा कि ऐसे लोगों का जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया है जो या तो सक्रिय नहीं थे या जिनकी मृत्यु हो गई थी. बिहार सरकार की मंशा है कि मनरेगा के मजदूरों को अच्छी मजबूरी मिले और ज्यादा से ज्यादा काम मिले. इसके साथ ही खालिद अनवर ने इसे लेकर केंद्र पर भी निशाना साधा. खालिद अनवर ने कहा कि मनरेगा मजदूरों का ड्रीम प्रोजेक्ट था उसका बजट केंद्र सरकार ने 10% किया. जबकि बिहार में मनरेगा मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 4% बढ़ाई गई है. बिहार सरकार की मंशा है कि मनरेगा के मजदूरों को अच्छी मजबूरी मिले और ज्यादा से ज्यादा काम मिले. यही बिहार सरकार का लक्ष्य है.

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मृत्युंजय तिवारी ने क्या कहा

वहीं, इस मामले में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि  इस योजना की शुरुआत उन्हीं के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने की थी. बिहार सरकार लगातार प्रयास कर रही है की मजदूरों को सही मजदूरी और सही समय पर काम मिल सके, लेकिन निष्क्रिय और फर्जी जॉब कार्ड को सरकार ने रद्द किया है. विभाग के द्वारा क्या मानक तय किया गया है उसकी जानकारी उन्हें नहीं है.