logo-image

नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रशांत किशोर आज नीतीश कुमार से मिलेंगे

नागरिकता कानून पर आक्रामक रुख अख्तियार करने के बाद प्रशांत किशोर और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के बीच होने वाली इस बैठक पर सभी की नजरें रहेंगी.

Updated on: 14 Dec 2019, 10:13 AM

पटना:

नागरिकता कानून को लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर मुखर करने वाले जनता दल-युनाइटेड (जेडीयू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर आज बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे. नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) को लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध के स्वर मुखर करने वाले जनता दल-युनाइटेड (जेडीयू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर आज बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे.

यह भी पढ़ेंः CAA पर लालू यादव का इमोशनल ट्वीट- आप मायूस न हों अभी बीमार जिंदा है

दरअसल, जेडीयू ने नागरिकता कानून का लोकसभा और राज्यसभा में समर्थन किया था. इस कानून को समर्थन देने पर प्रशांत किशोर ने अपनी नाराजगी जाहिर की. हालांकि जेडीयू ने अपने नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी थी, मगर प्रशांत किशोर ने उन सलाहों को नजरअंदाज किया और लगातार अपनी नाराजगी सार्वजनिक करते रहे. शुक्रवार को भी उन्होंने अपनी पार्टी के रुख के खिलाफ जाते हुए ट्वीट किया. जिसमें प्रशांत किशोर ने लिखा, 'बहुमत से संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया. न्यायपालिका के अलावा अब 16 गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है, क्योंकि यह ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है.'

इसका सीधा मतलब यह हुआ कि वो नीतीश कुमार को बिहार में इस कानून को लागू नहीं करने की नसीहत दे रहे हैं. इससे पहले बुधवार और गुरुवार को भी उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर सार्वजनिक बयान दिए थे. इस पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने किसी को भी ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि किसी भी निर्णय पर सहमत नहीं होने पर अपने विचार पार्टी फोरम में रखना चाहिए. सार्वजनिक रूप से पार्टी के रुख के खिलाफ नहीं जाना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः मोदी विरोध के बहाने राहुल गांधी को री-लाॅन्च‍ करने की तैयारी में कांग्रेस, भारत बचाओ रैली में दिखेगा जोर

इस बीच यह भी खबर सामने आई कि पार्टी प्रशांत किशोर के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. सूत्रों ने बताया कि किशोर का अपने रुख से पीछे हटने को कोई इरादा नहीं है. आगे भी बागी तेवर देखने को मिल सकते हैं. लेकिन अब नागरिकता कानून पर आक्रामक रुख अख्तियार करने के बाद प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच होने वाली इस बैठक पर सभी की नजरें रहेंगी.