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झारखंड में सत्ता बदली तो लालू प्रसाद ने जेल में सजाया दरबार

झारखंड के अंदर सत्ता परिवर्तन क्या हुआ कि उससे पहले एक बार फिर लालू राज कायम होता दिखाई दे रहा है.

Updated on: 27 Dec 2019, 08:50 AM

रांची:

झारखंड के अंदर सत्ता परिवर्तन क्या हुआ कि उससे पहले एक बार फिर लालू राज कायम होता दिखाई दे रहा है. राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने की प्रक्रिया के बीच राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद की धाक फिर से जमने लगी है. गुरुवार को राजधानी रांची में कुछ ऐसा ही नजारा था, जहां चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता और रिम्स में इलाजरत लालू ने जेल नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पेइंग वार्ड के बरामदे में ही जनता दरबार लगा दिया. सबसे पहले झारखंड के भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लालू यादव से मुलाकात की और फिर बारी-बारी से अन्य लोगों की लालू यादव से मुलाकात का सिलसिला शुरू हुआ.

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लालू यादव चारा घोटाला के 4 मामलों के सजायाफ्ता हैं, उन्हें 14 साल के लिए जेल भेजा गया. हालांकि करीब 11 गंभीर बीमारियों के चलते उनका रांची के रिम्‍स में इलाज चल रहा है. एक अखबार के मुताबिक, गुरुवार को हेमंत सोरेन रिम्स पहुंचे और लालू यादव से मुलाकात की. इसके बाद एक-एक आधा दर्जन से अधिक लोगों ने लालू से भेंट की. लालू से मिलने पहुंचे लोग रिम्स में धड़ाधड़ अंदर घुसते रहे, जबकि वहां तैनात सुरक्षाकर्मी बड़े ही आराम से वहां खड़े रहे. आलम यह रहा कि नरेंद्र सिंह समेत कई आरजेडी नेता और कार्यकर्ता बिना रोक-टोक के लालू से मिले. 

रिम्स के अंदर लालू से मिलने वालों का तांता लगा रहा. इतना ही नहीं, जब सुरक्षाकर्मियों से मुलाकातियों के बारे में पूछा गया तो सिर्फ उन्होंने हेमंत सोरेन का ही नाम बताया. जबकि बाकी लोगों का रजिस्टर तक में कोई जिक्र नहीं है. लालू से मिलने के बाद आरजेडी नेता जनार्दन प्रसाद से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन की ओर से लालू से मुलाकात की अनुमति मिली थी. बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने भी जेल प्रशासन से अनुमति मिलने का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि लालू की तबीयत के कारण चिंतित थे, इसलिए उनका हाल जानने के लिए गए थे. वहीं इस पूरे मामले पर जेल अधीक्षक ने कहा कि मुलाकातियों की सूची में उनका नाम नहीं है. 

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बता दें कि लालू प्रसाद से मुलाकात के लिए जेल प्रशासन द्वारा शनिवार का दिन तय है. इस दिन अधिकतम 3 ही सदस्य लालू से मिल सकते हैं. जबकि परिवार के सदस्य के लिए सप्ताह में किसी दिन विशेष परिस्थिति में मिलने की अनुमति है. लेकिन इस बार आधा दर्जन से अधिक लोगों का लालू से मिलना इस बात का संकेत है कि झारखंड में सरकार बदलने के साथ ही आरजेडी प्रमुख के अच्छे दिन आ गए हैं.