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मुआवजे की मांग पर अड़े किसान, SDM बोले-काम में बांधा डाली तो होगी कार्रवाई

मोकामा में चल रहे रेल निर्माण कार्य को लेकर किसान और प्रशासन आमने-सामने आ गये हैं. मोकामा प्रखंड के मरांची गांव में किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर गांधीवादी तरीके से बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया है.

Updated on: 14 Mar 2023, 05:00 PM

highlights

  • मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन
  • बेमियादी आंदोलन की दी चेतावनी
  • ब्रिज डबलिंग प्रोजेक्ट को लेकर घमासान
  • काम में बांधा डालने वालों पर होगी कार्रवाई-SDM

Mokama:

मोकामा में चल रहे रेल निर्माण कार्य को लेकर किसान और प्रशासन आमने-सामने आ गये हैं. मोकामा प्रखंड के मरांची गांव में किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर गांधीवादी तरीके से बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया है. वे प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अब आंदोलन की राह पर हैं. मोकामा प्रखंड के मरांची गांव के किसान प्रशासन से अपने हक की मांग कर रहे हैं. ये किसान लगातार रेल निर्माण कार्य में गई अपनी जमीन के उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. 

बेमियादी आंदोलन की दी चेतावनी

प्रशासन ने जब इनकी नहीं सुनी तो इन्होंने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है. अब वे गांधीवादी तरीके से बेमियादी आंदोलन की राह पर चले गए हैं. दरअसल रामपुर-डूमरा-राजेंद्र पुल एडिशनल ब्रिज डबलिंग प्रोजेक्ट को लेकर इन किसानों की जमीन सरकार ने अधिग्रहित की है. किसानों का आरोप है कि वासगीत भूमि का रेलवे कृषि भूमि के रूप में मुआवजा दे रही है. सरकार की ये नीति किसानों को पसंद नहीं आ रही. इसी को लेकर किसान अपनी भूमि के उचित मुआवजे की मांग कर रहे थे, लेकिन किसानों की ये मांग जब सरकार ने सीधे तरीके से नहीं सुना तो उन्होंने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए गांधीवादी तरीके से आंदोलन का रास्ता अपना लिया.

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उधर किसानों के इस आंदोलन पर बाढ़ के एसडीएम कुंदन कुमार का कहना है कि निर्माण कार्य में किसी भी तरह की बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कार्य में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

काम में बांधा डालने वालों पर होगी कार्रवाई-SDM

एक ओर किसान अपनी जमीन के बदले उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर प्रशासन मौके पर मजिस्ट्रेट और भारी पुलिस बल तैनात किये हुए हैं. ताकी मरांची गांव में चल रहे रेलवे के काम में कोई बाधा न डाल सके. इसके बावजूद किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और प्रशासन से गांधीवादी तरीके से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं ताकि उनकी जमीन का उचित मुआवजा मिल सके.

रिपोर्ट : विकास कुमार