logo-image

बिहार एजुकेशन कॉन्क्लेव 2023: राज्यपाल ने शिक्षा व्यवस्था पर खड़े किए सवाल, कहा-'बिहारी आगे.. बिहार पीछे क्यों? सभी सोचें इस बात को'

न्यूज स्टेट बिहार झारखंड द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम 'बिहार एजुकेशन कॉन्क्लेव 2023' में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.

Updated on: 17 Jun 2023, 05:57 PM

highlights

  • बिहार एजुकेशन कॉन्क्लेव 2023 का आयोजन
  • मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यपाल ने की शिरकत
  • न्यूज स्टेट के पहल की जमकर तारीफ की
  • राज्यपाल बोले-शिक्षा के हालात सुधारना हम सबकी जिम्मेदारी

Patna:

न्यूज स्टेट बिहार झारखंड द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम 'बिहार एजुकेशन कॉन्क्लेव 2023' में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्तवपूर्ण योगदान देने वाले सरकारी व निजी शिक्षकों को राज्यपाल द्वारा न्यूज स्टेट बिहार झारखंड के मंच पर सम्मानित किया गया. अपने संबोधन में राज्यपाल द्वारा न्यूज स्टेट बिहार झारखंड के शिक्षा के प्रति आयोजित किए गए कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई. साथ ही उन्होंने आमजन से ये भी अपील की है कि अगर आने वाली पीढ़ी से शिक्षा के मुद्दे को लेकर आंख से आंख मिलाकर बात करनी है तो आज ही सबको एकजुट होकर शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने की दिशा में पहल करना होगा. ये काम किसी एक इंसान के बस का नहीं है, इसके लिए सभी को एकजुट होना होगा.

न्यूज स्टेट बिहार झारखंड के पहल की सराहना

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर  ने अपने संबोधन में कहा कि न्यूज नेशन एजूकेशन कान्क्लेव ऐसा कार्यक्रम लेकर आज हम सब यहां इकट्ठा हुए हैं. न्यूज स्टेट बिहार झारखंड के माध्यम से ये कार्यक्रम हो रहा है. समाज में अनेक प्रकार के शिक्षा से जुड़े लोग होते हैं. हम सभी को नहीं ढूंढ पाते. न्यूज नेशन ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम करनेवाले लोगों को ढूढकर लाया है. ये मेरे लिए भी गौरव की बात है. इस कार्यक्रम के लिए जब मेरे पास न्यूज नेशन के अधिकारी जब निमंत्रण लेकर आए थे तो मैंने उनसे सिर्फ एक बात कही थी.

ये भी पढ़ें-RCP सिंह, उपेंद्र कुशवाहा औब अब मांझी ने छोड़ा JDU का साथ, CM नीतीश के लिए आसान नहीं लग रही 2024 और 2025 की लड़ाई!

राज्यपाल ने कहा कि मैने यहां बिहार में आने के बाद दो-तीन बार ऐसे ही एजूकेशन कान्क्लेव में मुझे जाने का अवसर मिला. वहां जाकर मैंने देखा कि जो प्राइवेट कोचिंग संस्थान वाले होते थे उन्हें सम्मानित किए जाने का काम होता था. जो मुझे अच्छा नहीं लगता था. बिहार में कोचिंग क्लास बहुत है और इनमें से कुछ लोगों को चुनकर हम सामने लाकर सम्मानित करते हैं. सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षक अच्छा काम करते हैं लेकिन उन्हें सम्मानित किए जाने का काम नहीं होता लेकिन ये काम आज न्यूज स्टेट बिहार झारखंड ने कर दिखाया है. मैं इसके लिए बहुत खुश हूं. समाज में बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें हम देखते ही नहीं है. लोग कहते हैं कि सरकारी स्कूल का शिक्षक है तो कैसा होगा उसे हम जानते हैं. लेकिन बिहार के सरकारी स्कूलों में बहुत से अच्छे शिक्षक हैं जिन्हें आज न्यूज स्टेट बिहार झारखंड के द्वारा सम्मानित करने के लिए चुना गया.

बिहारी आगे.. लेकिन बिहार पीछे क्यों?

राज्यपाल ने आगे कहा कि मैं बहुत बार सोचता हूं देखता हूं और जिसका यहां पर कई बार उल्लेख भी हुआ कि बिहार के लोग कितने टैलेंटेड है, आगे जाते हैं. बिहारी आगे हैं और बिहार पीछे क्यों इसपर सोचने की आवश्यकता है. सभी बिहार के लोगों को इसके बारे में सोचने की जरूरत है. क्या है हमारी प्राब्लम, हमारी समस्या क्या है. मुझसे जो भी मिलने आता है वह बिहार की शिक्षा व्यवस्था के बारे में बिना बोले नहीं जाता. मेरे मन में प्रश्न आता है कि शिक्षा के विषय में हम बाहर क्यों चर्चा नहीं करते. कुछ लोग चार दिवारी के अंदर बैठकर चर्चा करते तो हैं लेकिन बाहर नहीं चर्चा करते. क्यों भाई! सरकार के खिलाफ मामला है तो हम इसपर चर्चा नहीं करेंगे? हम सब मिलकर बातचीत करेंगे तो समस्या का समाधान होगा. उन्होंने कहा कि बिहार के उच्च शिक्षा में ही नहीं बल्कि प्राथमिक शिक्षा में भी समस्या है. हम क्यों उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं.

सबको मिलकर करना होगा प्रयास

राज्यपाल ने आगे कहा कि उच्च शिक्षा के लिए मैंने बतौर राज्यपाल प्रयास शुरू कर दिए हैं. मैं हर जगह जहां भी जाता हूं मैं यही कहता हूं कि अकेले मेरे प्रयास से कुछ नहीं होने वाला है. सबको मिलकर काम करना होगा. राजभवन से एक निर्देश जारी करने से कुछ नहीं होगा. हम सबको मिलकर इसमें इन्वाल्व होना पड़ेगा. हमारे सामने आने वाले समय के लिए ये बहुत बड़ा प्रश्न है कि हमारे बच्चे बाहर क्यों जाते हैं पढ़ने के लिए? बाहर से बच्चे हमारे बिहार में क्यों नहीं आते पढ़ने के लिए? अगर आज इस समस्या से हम लोग मुंह मोडते रहेंगे तो हमारी आनेवाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी और उंगली दिखाएगी. बच्चे आनेवाले समय में हमें हमारे बच्चे कोसेंगे. कोई अकेला ये नहीं कर पाएगा लेकिन सब मिलकर जरूर कर सकते हैं. इसके लिए किसी एक का नहीं पूरे बिहार का क्रेडिट होना चाहिए.

4 वर्षीय डिग्री लागू करने की जरूरत

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर  ने कहा कि मैंने 4 साल डिग्री कोर्स लागू करने की दिशा में पहल की है क्योंकि जब हमारे बच्चे भारत से बाहर जाते हैं तो उनसे 4 वर्ष कोर्स डिग्री मांगी जाती है. विदेशों में तीन वर्षीय डिग्री की मान्यता नहीं होती लेकिन कुछ लोग इसपर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हैं. पूरे देश में सेमिस्टर पद्धति लागू हो रही है और हम बिहार में क्यों नहीं कर सकते. एक राजनीतिक पार्टी द्वारा मुझे पत्र भेजा गया था. उसमें लिखा गया था कि सेमेस्टर पद्धति बिहार में नहीं लागू होनी चाहिए. अब वो कितने पढ़े हैं हमें नहीं पता है लेकिन अपने पटना विश्व विद्यालय में बीते दो वर्षों से सेमेस्टर पद्धति लागू है. उसके अच्छे रिजल्ट भी हैं. एक यूनिवर्सिटी ने भी इसके लिए परमिशन मांगी है. हर छह माह में एक सेमेस्टर की परीक्षा होती है, ये अच्छा है. जो लोग सेमेस्टर पद्धति के खिलाफ है उन्हें इसके बारे में पढ़ना चाहिए और जानना चाहिए. कुछ दिन पहले कुछ शिक्षाविद मुझसे मिलने आए थे. मैंने उनसे कहा कि जो शिक्षा की समस्या है वह हमारी प्राथमिक शिक्षा से है. हमें शिक्षा की समस्या का हल प्राथमिक शिक्षा से खत्म करना होगा. हमारी सरकार प्राथमिक शिक्षा को सुधारने का काम कर रही है, इसके लिए मैं अपनी सरकार का धन्यवाद देता हूं. 

आनेवाली पीढ़ी को देना होगा जवाब

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने आगे कहा कि न्यूज स्टेट बिहार झारखंड शिक्षा को लेकर जो कार्यक्रम कर रही है यह एक सही एप्रोच है. शिक्षा के दिशा में हमें प्रयास करने की आवश्यकता है. हम सबको अगर आनेवाले पीढ़ी को जवाब देना है तो इस दिशा में सोचना पड़ेगा. शिक्षा व्यवस्था को ठीक करना पड़ेगा. कल के लिए आज इन्वाल्व होना पड़ेगा. मैं शिक्षक हूं या नहीं लेकिन शिक्षा व्यवस्था को आनेवाली पीढ़ी के लिए सुधारना होगा. कल के लिए आज मेहनत करनी पड़ेगी. बिहार में शिक्षा लेने के लिए पूरे विश्व से लोग आते थे. दूसरे राज्यों में जाओ तो बिहारी विद्यार्थी मिलते हैं लेकिन बिहार में दूसरे राज्यों के विद्यार्थी नहीं आते. क्यों दूसरे राज्यों के छात्र बिहार में नहीं पढ़ना चाह रहे हैं? वो क्यों नहीं बिहार आ रहे हैं? हम ऐसा काम करेंगे कि आने वाले समय में करेंगे ताकि बिहार में दूसरे राज्यों के छात्र भी बिहार में आकर पढ़ें. लेकिन ये काम मेरे अकेले का बस का नहीं है. इसमें सभी को एक साथ होकर काम करना पड़ेगा.