Bihar: CM नीतीश कुमार ने अंधकार में डूबे प्रदेश को ‘लालटेन’ की रोशनी से दिलाई मुक्ति, गांव-गांव पहुंचाई बिजली
प्रदेश में बिजली की स्थिति को सुधारा. नई ऊर्जा नीति और ‘हर घर बिजली’ की योजना पर चलकर गांव और शहरों में नये तार बिछाए. नये ट्रांसफॉर्मर, नये फीडर और बिजली के खंभों का जाल बिछाया गया.
नई दिल्ली:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदर्शिता से वर्ष 2005 में बिहार की सत्ता संभालते ही जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई ओर राज्य में क्राइम को कंट्रोल किया. इसके बाद न्याय के साथ विकास के मार्ग पर चलते हुए समाज के सभी वर्गों का सर्वांगीण विकास किया. कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार होते ही सीएम ने विकास कार्यों की रूपरेख तय की. उन्होंने सात निश्चय योजना पर काम करना शुरू किया. अंधकारमय बिहार को ‘लालटेन’ से मुक्ति दिला दी. प्रदेश में बिजली की स्थिति को सुधारा. नई ऊर्जा नीति और ‘हर घर बिजली’ की योजना पर चलकर गांव और शहरों में नये तार बिछाए. नये ट्रांसफॉर्मर, नये फीडर और बिजली के खंभों का जाल बिछाया गया.
पहले दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, बंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में नौकरी करने वाले आईटी प्रोफेशनल जब अपने गांव में जाते थे तो उन्हें पर्याप्त बिजली नहीं मिलती थी. इसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों को झेलना पड़ा. मगर अब हालात ऐसे नहीं रह गए हैं. अब गांव में रहकर नौकरीपेशा वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. वहीं पहले उन्हें पटना में किराये पर घर में रहना पड़ता था.
गांवों और शहरों की हालात बदल दी
नवंबर, 2016 को आरंभ हुई हर घर बिजली योजना ने गांवों और शहरों की हालात बदल दी. वर्ष 2014-15 में राज्य में बिजली की प्रति व्यक्ति खपत 203 किलोवाट आवर थी. ये वर्ष 2020-21 में बढ़कर 350 किलोवाट आवर तक हो चुकी है. यह छह सालों में 72.4 फीसदी की दर से बढ़ी है. बिहार में बिजली की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. वर्ष 2014 में 1800 मेगावाट से बढ़कर ये वर्ष 2017 में 4600 मेगावाट तक पहुंच गई है.
वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में बिहार के ग्रमीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के समय में भी वृद्धि हुई है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में दक्षिण बिहार के शहरी क्षेत्रों में हर दिन औसत 23.11 घंटे तो ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन रोज 22.13 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है. वहीं उत्तर बिहार के शहरी क्षेत्र में औसतन 22.58 घंटे तो ग्रामीण इलाकों में 21.73 घंटे बिजली दी गई है. इस समय को बढ़ाकर कंपनी ने राज्य के सभी क्षेत्रों में 24 घंटे निर्बाध बिजली देने की योजना तैयार की है. इसका लक्ष्य मार्च, 2023 तक निश्चित तौर पर प्राप्त करने को लेकर काम आरंभ कर दिया गया है.
हर घर बिजली योजना का आरंभ हुआ
सात निश्चय योजना 1 के तहत वर्ष 2016 में हर घर बिजली योजना का आरंभ हुआ. सुखद बात ये है कि गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य 2018 में पूरा कर लिया गया था. इस समय बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 169.45 लाख तक है. वहीं वर्ष 2019-20 में इनकी संख्या 158.77 लाख थी. मार्च 2020 तक राज्य में कुल 6073 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता थी. ये 5.8 फीसदी से बढ़कर मार्च 2021 में 6422 मेगावाट तक पहुंच गई. वर्ष 2019-20 में बिजली की अनुमानित मांग 5868 मेगावाट थी. ये 2020-21 में बढ़कर 6016 मेगावाट हो गई. इस तरह वर्ष 2023-24 तक बिहार में बिजली की अनुमानित मांग 7521 मेगावाट हो जाने का अनुमान है. वहीं साल 2023-24 तक बिहार में बिजली की कुल उपलब्ध क्षमता 13029 मेगावाट हो चुकी है.
रिपोर्ट : (विकास कुमार ओझा, ब्यूरो हेड, बिहार)
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Shah Rukh Khan Son: बेटे अबराम के साथ KKR को सपोर्ट करने पहुंचे शाहरुख, मैच से तस्वीरें वायरल
-
Rashmi Desai Fat-Shamed: फैट-शेमिंग करने वाले ट्रोलर्स को रश्मि देसाई ने दिया करारा जवाब, कही ये बातें
-
Sonam Kapoor Postpartum Weight Gain: प्रेगनेंसी के बाद सोनम कपूर का बढ़ गया 32 किलो वजन, फिट होने के लिए की इतनी मेहनत
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी