logo-image

Bharat Band का बिहार में असर, श्रमिक संगठनों के साथ सड़कों पर उतरे वामपंथी दल

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय मजदूर संघों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान का बिहार में मिलाजुला असर देखा गया.

Updated on: 08 Jan 2020, 02:46 PM

पटना:

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय मजदूर संघों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान का बुधवार को बिहार में मिलाजुला असर देखा गया. बिहार की राजधानी सहित कई क्षेत्रों में बंद के समर्थन में श्रमिक संगठनों के लोग सड़क पर उतरे और जुलूस निकाला. बंद को लेकर अभी तक इन दोनों राज्यों में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है. बिहार में इस बंद को लेकर वामपंथी दल के नेता और कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर गए हैं.

यह भी पढे़ंः बाहुबली नेता शहाबुद्दीन ने SC में दाखिल की अर्जी, पूछा- क्या हमेशा एकांतवास में रहूंगा

राजधानी पटना में श्रमिक संगठनों और वामपंथी दल के नेताओं ने बंद के समर्थन में 'मार्च' निकाल कर सरकार की नीतियों का विरोध किया. राजेंद्र नगर टर्मिनल और पटना जंक्शन पर कई संगठनों के लोगों ने प्र्दशन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया. बेगूसराय में ट्रेड यूनियन हड़ताल समर्थकों ने बस स्टैंड के पास एनएच 31 को कुछ देर के लिए जाम किया, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ.

मोतिहारी, खगड़िया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भोजपुर में बंद समर्थक सड़क पर उतरे. बंद से कई जगहों पर सड़क और रेल आवागमन बाधित हुआ. इधर, जहानाबाद और अरवल में भी बंद समर्थकों ने कई मुख्य मार्गो को जाम कर दिया. हड़ताल के कारण सरकारी कार्यालयों में भी असर दिखा. बैंक और बीमा कंपनियों के हड़ताल में शामिल होने के कारण सड़कों पर आवाजाही कम देखी जा रही है.

यह भी पढे़ंः मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नहीं हुआ किसी बच्ची का मर्डर, CBI ने कोर्ट में किया दावा

भाकपा (माले) के बिहार प्रदेश सचिव कुणाल ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार की किसान-मजदूर और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार का बंद ऐतिहासिक है. वाम दलों के तमाम नेता एवं कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरे हैं.