गोल्ड जीतने से पहले खो गया था नीरज (Neeraj Chopda)का भाला, ये पाकिस्तानी लेकर घूम रहा था
ओलंपिक के अंतिम दिन नीरज (Neeraj Chopda) ने भारत को जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक में स्वर्ण पदक दिलाया. कमाल की बात ओलंपिक में भारत को एथलेटिक्स में पहली बार स्वर्ण पदक मिला
highlights
- फाइनल मैच में भाला नहीं मिलने से हो गए थे परेशान
- भारत को दिलाया एथलेटिक्स में पहला गोल्ड
- नीरज पर हो रही है इनामों की बरसात
नई दिल्ली :
टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा (neeraj chopda) फाइनल कंपटीशन में मुश्किल में पड़ गए थे. उन्होंने एक मीडिया से बातचीत में खुलासा किया कि ओलंपिक के फाइनल में उनका जैवलिन (भाला) खो गया था. इससे वह परेशान हो गए थे. बता दें कि हाल ही में टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) खत्म हुए हैं. इसके बाद टोक्यो में ही पैरालंपिक खेलों की भी शुरुआत हो चुकी है. ओलंपिक के दौरान भारत ने कुल सात पदक जीते और भारत 47वें स्थान पर रहा. इस बार भारत ने ओलंपिक के इतिहास में अपने सबसे ज्यादा पदक जीते. पहली बार भारत ने एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक जीते. इससे पहले वर्ष 2012 के ओलंपिक में भारत ने दो रजत और चार कांस्य पदक जीते थे. 2020 के ओलंपिक से पहले वह भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. इस रिकॉर्ड को भारत ने इस बार तोड़ दिया.
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इस बार की शानदार सफलता के हीरो रहे भारत के नीरज चोपड़ा. उन्होंने ओलंपिक के अंतिम दिन भारत को जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक में स्वर्ण पदक दिलाया. कमाल की बात ओलंपिक में भारत को एथलेटिक्स में पहली बार स्वर्ण पदक मिला है. इससे पहले भारत ने हॉकी और निशानेबाजी में स्वर्ण जीता है लेकिन एथलेटिक्स में कभी भी स्वर्ण पदक नहीं मिला था. नीरज चोपड़ा की इस सफलता के बाद उन पर इनामों की बरसात हो रही है. केंद्र व राज्य सरकारों सहित तमाम संस्था इनाम बरसा रही हैं. वहीं, पिछले दिनों नीरज ने इस बात का खुलासा किया कि जिस भाले से उन्होंने स्वर्ण पदक जीता, वह भाला ही फाइनल मुकाबलों में खो गया था.
वह मैदान में जब उतरे तो अपना भाला ढूंढने लगे. भाला ढूंढते-ढूंढते उन्होंने देखा कि पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोअर नदीम उनका भाला लेकर घूम रहे हैं. उन्होंने नदीम के पास जाकर कहा कि भाई, ये मेरा भाला है, मुझे दे दो, तो नदीम ने उन्हें उनका भाला वापस किया. नीरज ने इंटरव्यू में कहा कि आपने देखा होगा मैंने अपना पहला थ्रो काफी जल्दीबाजी में फेंका. उसका कारण यही था कि मुझे मेरा भाला ही देर में मिला. इसी भाले से थ्रो करके नीरज ने भारत को स्वर्ण पदक दिला दिया.
यहां बता दें कि नदीम पाकिस्तान की ओर से स्पर्धा में हिस्सा ले रहे थे. नीरज और नदीम दोनों ने ही ओलंपिक के जैवलिन थ्रो के अंतिम दस में स्थान बनाया था. फाइनल मुकाबलों में जहां नीरज ने स्वर्ण पदक जीता, वहीं, नदीम पांचवे स्थान पर रहे थे. नीरज और नदीम इससे पहले भी एशियन औऱ वर्ल्ड चैंपियनशिप सहित तमाम मुकाबलों में एक साथ भाग ले चुके हैं और दोनों में दोस्ताना संबंध हैं.
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