केरल हाई कोर्ट का AFI को निर्देश, चित्रा को लंदन चैम्पियनशिप के लिए टीम में किया जाए शामिल
कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) से कहा कि वे चित्रा को टीम में शामिल किए जाने को सुनिश्चित करें।
highlights
- केरल के पल्लकड़ की रहने वाली हैं चित्रा, माता-पिता खेतों में करते हैं काम
- केरल के मुख्यमंत्री ने पिनारयी विजयन ने फैसले पर जताई खुशी, कहा- AFI ने अच्छा काम नहीं किया
- मामले की अगली सुनवाई सोमवार को, चित्रा के कोच कोच एन.एस. सिजिन ने दायर की थी याचिका
नई दिल्ली:
केरल की महिला एथलीट पी.यू. चित्रा के अगले महीने लंदन में होने वाले वर्ल्ड चैम्पियनशिप के लिए भारतीय दल में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। केरल हाई कोर्ट ने इस बाबत निर्देश जारी किए हैं।
कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) से कहा कि वे चित्रा को टीम में शामिल किए जाने को सुनिश्चित करें। कोर्ट हालांकि, मामले की सुनवाई जारी रखी है। इसकी अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
कोर्ट का यह आदेश चित्रा के कोच एन.एस. सिजिन द्वारा दाखिल की गई याचिका पर आया है। उन्होंने चित्रा को टीम से बाहर किए जाने के बाद एक याचिका दायर की थी और कहा था कि चित्रा को योग्य होने के बावजूद टीम में नहीं चुना गया।
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कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से पूछा था कि चित्रा को अगले महीने होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के लिए राष्ट्रीय टीम में क्यों नहीं चुना गया जबकि उन्होंने इसके लिए क्वालीफाई किया था?
कोर्ट ने केंद्र से यह भी पूछा कि क्या उसके पास इस प्रकार के मामलों में हस्ताक्षेप करने का अधिकार हैं, और अगर है तो नियमों में इसके प्रासंगिक प्रावधान को विस्तार से बताया जाए। केंद्र के वकील ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि उसके पास इस तरह के कोई अधिकार नहीं हैं। अदालत ने इस बात को भी रेखांकित किया कि चयन पारदर्शिता से नहीं हुआ है और चित्रा को टीम में चुना जाना चाहिए।
इस फैसले पर चित्रा ने खुशी जाहिर की है और उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनका समर्थन किया था। कोर्ट के आदेश के बाद भी यह देखना होगा कि चित्रा टूर्नामेंट में खेल पाती हैं या नहीं क्योंकि टूर्नामेंट के लिए टीम भेजने की एक तय तारीख होती है।
इस सप्ताह की शुरुआत में चित्रा मामले में केंद्र को पत्र लिखने वाले केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने चित्रा को बधाई दी और कहा कि पूरा प्रदेश उनके साथ खड़ा है।
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मुख्यमंत्री ने कहा, 'केरल उच्च न्यायालय का आदेश सुनकर काफी खुशी हुई। इससे पता चलता है कि एएफआई ने अपना काम अच्छे से नहीं किया। सभी खेल प्रेमियों ने चित्रा को टीम से बाहर किए जाने की आलोचना की थी।'
चित्रा ने इसी महीने की शुरुआत में भुवनेश्वर में हुई एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में महिलाओं की 1500 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने यहां चार मिनट 17.92 सेकेंड का समय निकालते हुए पहला स्थान हासिल किया था।
अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) के चयन मानदंडों के अनुसार, कोई खिलाड़ी विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई तभी कर सकता है जब वह क्वालीफिकेशनके मापदंडों को पूरा करे या उप-महाद्वीप में होने वाली प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते।
इस पैमाने पर चित्रा चार अगस्त से लंदन में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में क्वालीफाई करने पर पूरी तरह खरी उतरती हैं, हालांकि एशियन चैम्पियनशिप में हासिल किया गया उनका समय क्वालीफाइंग सीमा से कम है। क्वालिफाइंग की न्यूनतम सीमा चार मिनट 7.5 सेकेंड है। केरल के पल्लकड़ की रहने वाली चित्रा के माता-पिता खेतों में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर हैं।
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