logo-image

मां ने गहने गिरवी रखे, लोगों से उधार मांगे पैसे, फिर बेटी ने रौशन किया देश का नाम

ओलंपिक में भारत का नाम रौशन करने वाली बेटी Bhavani Devi ने एक बार फिर अपने देश को गौरवान्वित किया है. भवानी ने एशियाई तलवारबाजी चैंपियनशिप की वुमेन्स सेबर कॉम्पटीशन में सेमीफाइनल तक पहुंचकर इतिहास रच दिया है.

Updated on: 20 Jun 2023, 03:03 PM

नई दिल्ली:

टोक्यो ओलंपिक 2021 में इतिहास रचने वाली भवानी देवी (Bhavani Devi)ने एक बार फिर भारत का नाम रौशन किया है. भवानी ने 19 जून 2023 को एशियाई तलवारबाजी चैंपियनशिप की वुमेन्स सेबर कॉम्पटीशन के सेमीफाइनल तक का सफर किया. भले ही भवानी को सेमीफाइनल मैच में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी हार के बावजूद भारत का मेडल पक्का हो गया. ये पहला मौका है, जब इस चैंपियनशिप में भारत की ओर से किसी ने मेडल की दावेदारी पेश की है. मगर, भवानी के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था, तो आइए आपको उनकी स्ट्रगल स्टोरी के बारे में बताते हैं...

मां ने मुश्किल से जुटाए पैसे

सपने देखना बहुत आसान होता है, लेकिन उन्हें पूरा करना उतना ही मुश्किल है. मगर, जब आप अपना 100% दे रहे हो और आपका परिवार आपके साथ हो, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. भारतीय तलवारबाज भवानी देवी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. उनके सपनों को पूरा करने के लिए मां ने हर वो काम किया, जो उनके बस में था. 

मिडिल क्लास फैमिली से आने वाली भवानी देवी (Bhavani Devi) के पिता का नाम सी सुंदरमन थाा, जो एक पुजारी थे. वहीं उनकी मां रमानी एक हाउसवाइफ हैं. टोक्यो में मेडल जीतने के बाद भवानी ने बताया था कि, मेरी मां ने मेरे सपनों को पूरा करने के लिए अपने गहने भी गिरवी रख दिए थे. इतना ही नहीं जब पैसे और कम पड़े, तो उन्होंने लोगों से पैसे उधार मांगे, ताकि मैं प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकूं. मुझे आज भी याद है की जब भी हम पैसों का इंतजाम नहीं कर पाते थे, तब मैं उस कॉम्पटीशन में हिस्सा नहीं ले पाती थी. मैंने 2019 में अपने पापा को खो दिया था. 

ये भी पढ़ें : विराट, अनुष्का में किसकी कमाई है ज्यादा ? सच्चाई जान चौक जाएंगे आप

तलवारबाजी चैंपियनशिप में भारत का पहला मेडल

चीन के वुक्सी में खेले जा रहे एशियाई तलवारबाजी चैंपियनशिप की महिला सेबर कॉम्पटीशन में Bhavani Devi ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया. जहां, उनका सामना उज्बेकिस्तान की जेनाब डेयिबेकोवा से हुआ, मगर को इस मैच में 14-15 से हार का सामना करना पड़ा. लेकिन गर्व की बात ये है की हारने के बावजूद भवानी ने इस टूर्नामेंट में भारत के लिए पहला मेडल पक्का कर दिया है.