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14वीं बार दलीप ट्रॉफी जीत साउथ जोन ने रचा इतिहास, कैप्टन हनुमा विहारी ने इन्हें दिया क्रेडिट

दलीप ट्रॉफी के फाइनल मैच में साउथ जोन और वेस्ट जोन का आमना-सामना हुआ. जहां हनुमा विहारी की कप्तानी वाली साउथ जोन की टीम ने खिताबी जीत दर्ज कर ली है...

Updated on: 16 Jul 2023, 04:07 PM

नई दिल्ली:

साउथ जोन ने फाइनल में कमाल का खेल दिखाते हुए 75 रन से मैच जीतकर दलीप ट्रॉफी अपने नाम कर ली है. फाइनल मुकाबले में प्रियांक पांचाल ने टॉस जीतकर हनुमा विहारी की टीम को पहले बैटिंग के लिए आमंत्रित किया. मगर, वेस्ट जोन अपने इस फैसले को सही साबित नहीं कर सकी और चौथे दिन 75 रन से मैच हार गई. इस खिबाबी जीत के बाद हनुमा विहारी ने खुशी जाहिर की और टीम के बॉलिंग अटैक की जमकर तारीफ की.

मैंने कप्तानी का उठाया लुफ्त

साउथ जोन ने 14वीं बार दलीप ट्रॉफी जीती है. फाइनल मुकाबले में उनका सामना वेस्ट जोन से हुआ था, जहां साउथ टीम ने 75 रन से जीत हासिल कर खिताब अपने नाम कर लिया है. ट्रॉफी जीतने के बाद कैप्टन विहारी ने कहा, ‘‘वाकई मैंने कप्तानी का पूरा आनंद लिया और जब आपके पास इस तरह की टीम हो तो आप कप्तानी का आनंद उठाते ही हैं. जब आपकी टीम में इस तरह का बॉलिंग अटैक हो तो कप्तानी का प्रेशर कम हो जाता है. हमारा प्लान था कि उन्हें 3 रन प्रति ओवर से कम पर ले आएं और गेंदबाजों ने प्लानिंग को अच्छी तरह लागू किया. अच्छे गेंदबाज कैप्टन का काम आसान बना देते हैं."

Hanuma Vihari ने कर्नाटक के 3 तेज गेंदबाज विद्वथ कावेरप्पा, विजयकुमार विशाक और वासुकी कौशिक की जमकर तारीफ की. इस तिकड़ी ने 20 में से 16 विकेट झटक साउथ को ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई. विहारी ने आगे कहा, कर्नाटक के सभी तीनों तेज गेंदबाज विकेट को अच्छी तरह से जानते थे. जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि ऐसे गेंदबाज टीम में होना जो हालात को समझते हैं तो ये चीज फायदेमंद हो जाती है. लेकिन इसका इस्तेमाल अच्छी तरह करना अलग बात होती है और इन तीनों ने अपने टैलेंट से ये कर दिखाया."

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फाइनल में बेहाल हुई वेस्ट जोन की टीम

वेस्ट जोन और साउथ जोन के बीच खेला गया फाइनल मैच चौथे दिन हनुमा विहारी की कप्तानी वाली वेस्ट जोन की टीम ने जीतकर अपने नाम कर लिया. 14वीं बार साउथ जोन ने दलीप ट्रॉफी जीती है. फाइनल की बात करें, तो वेस्ट की ओर से निराशाजनक प्रदर्शन देखने को मिला. पृथ्वी शॉ, चेतेश्वर पुजारा, सूर्यकुमार यादव जैसे बल्लेबाजों से सजी ये टीम कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी और ट्रॉफी जीतने से चूक गई.