क्यों लीथियम है इतना महंगा? जानें भारत को इससे कितने होंगे फायदे
आज के युग में लीथियम का उपयोगिता तेजी से बढ़ रही है. कोई भी बैटरी वाले उत्पाद में इसका इस्तेमाल अनिवार्य रूप से हो रहा है. इसका बहुत बड़ा बाजार है.
highlights
- पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता धीरे-धीरे कम होती जा रही है
- जम्मू-कश्मीर रियासी जिले में लीथियम भंडार सामने आए हैं
- विश्वभर में ग्रीन एनर्जी पर जानें की बात हो रही है
नई दिल्ली:
आज के युग में लीथियम का उपयोगिता तेजी से बढ़ रही है. कोई भी बैटरी वाले उत्पाद में इसका इस्तेमाल अनिवार्य रूप से हो रहा है. इसका बहुत बड़ा बाजार है. यह एनर्जी का बहुत बड़ा स्रोत्र है. इस समय दुनियाभर में इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है. स्मार्टफोन हो, इलेक्ट्रिक कार हो या बैटरी से चलने वाले खिलौने हों, इनमें लीथियम आयन बैटरी का उपयोग होता है. विश्व में अब पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता धीरे-धीरे कम होती जा रही है. इन सब में लिथियम का बड़ा योगदान है.
गौरतलब है कि इसकी वजह लिथियम आयन बैटरी है. इसका उपयोग रिन्यूएबल एनर्जी के तौर पर किया जाता है. एक समय था, जब लिथियम को कोई पूछता भी नहीं था. मगर जब से पेट्रोलियम की किल्लत और उससे होने वाले प्रदूषण की समस्या सामने आई है, तब से लीथियम की लोकप्रियता बढ़ रही है. जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में ये भंडार सामने आए हैं. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, जम्मू-कश्मीर रियासी जिले में ये भंडार सामने आए हैं. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में मिला लिथियम भंडार 59 टन का है.
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कैसे मिलेगा देश को लाभ
क्या लिथियम का भंडार देश में नई क्रांति ला सकता है. भारत के विश्वगुरु बनने की बात हम वर्षों से सुनते आ रहे हैं. क्या लिथियम का ये भंडार देश की तरक्की में चारचांद लगाएगा. इस सभी प्रश्नों का जवाब हमें लिथियम की नई भूमिका से समझने की कोशिश करनी होगी.
इतनी जरूरी क्यों है लिथियम?
विश्वभर में ग्रीन एनर्जी पर जानें की बात हो रही है. इसके लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करने की जरूरत है, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके. ग्रीन एनर्जी को आगे बढ़ाने में लिथियम का बड़ा योगदान है. लिथियम आयन बैटरी की मदद से रिन्यूएबल एनर्जी को स्टोर करने में मदद मिलेगी. इस एनर्जी का बाद में उपयोग किया जा सकता है. इस बैटरी को रिचार्ज किया जा सकता है. इनकी लाइफ बहुत अधिक होती है. लिथियम आयन बैटरी में अन्य मेटल भी होते हैं. मगर इसमें लिथियम की भूमिका सबसे ज्यादा होती है.
इलेक्ट्रिक कार को या बड़े इलेक्ट्रिक ट्रक इन सभी वाहनों में लिथियम आयन बैटरी का उपयोग होता है. इसे बड़े भंडार के सामने आने से देश में बैटरी निर्माण को काफी बूस्ट मिलने वाला है. लीथिम के उत्पादन में भारत कहीं नजर नहीं आता है. इस भंडार की वजह से भारत की स्थिति और मजबूत होनी है.
कितनी है लिथियम की कीमत?
लिथियम के दाम लगातार बदलते रहते हैं. इसके शेयर लीथियम के दाम तय करते हैं. इसकी एक कमोडिटी मार्केट है. इस बाजार में मेटल की कीमत तय की जाती है. Lithium की कीमत प्रति टन 472500 युआन यानि 57,36,119 रुपये थी.
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