अंबेडकर जयंती पर पीएम मोदी ने किया Prime Minister Museum का उद्घाटन, क्या है खास
आजादी का अमृत महोत्सव ( Azadi ka Amrit Mahotsav) के दौरान उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संग्रहालय देखने के लिए पहला टिकट खरीदा. इसके लिए उन्होंने डिजिटल पेमेंट किया.
highlights
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संग्रहालय देखने के लिए पहला टिकट खरीदा
- केंद्र ने प्रधानमंत्री संग्रहालय के प्रस्ताव को साल 2018 में मंजूरी दी थी
- यहां भविष्य के सभी प्रधानमंत्रियों के लिए भी पर्याप्त जगह रखा गया है
New Delhi:
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की 131वीं जयंती ( Ambedkar Jayanti ) पर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने नई दिल्ली में प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम का उद्घाटन किया. आजादी का अमृत महोत्सव ( Azadi ka Amrit Mahotsav) के दौरान उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संग्रहालय देखने के लिए पहला टिकट खरीदा. इसके लिए उन्होंने डिजिटल पेमेंट किया. पीएम मोदी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्रियों को समर्पित यह संग्रहालय लोगों के लिए प्रेरणा का स्थान बनेगा.
लुटियंस जोन स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कैंपस ( Nehru Memorial Museum and Library ) में देश के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदानों, उनसे जुड़ी यादों और उनकी कहानियों को दर्शाने के लिए यह म्यूजियम बनाया गया है. केंद्र सरकार ने इसके प्रस्ताव को साल 2018 में मंजूरी दी थी. चार साल के भीतर म्यूजियम बनकर तैयार हो गया है. तीन मूर्ति भवन के परिसर में करीब 45 एकड़ यानी 10 हजार वर्ग मीटर की जमीन पर लगभग 271 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया गया है.
Delhi | Prime Minister Narendra Modi arrives at Teen Murti House to inaugurate 'Pradhanmantri Sangrahalaya'- a museum dedicated to country's Prime Ministers since Independence pic.twitter.com/QNZv7gAmYm
— ANI (@ANI) April 14, 2022
पंडित नेहरू से पीएम मोदी तक- जीवन और दर्शन
इस म्यूजियम में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन और दर्शन को विस्तार से प्रदर्शित किया गया है. भारत के संविधान को भी प्रधानमंत्री संग्रहालय में जगह दी गई है. आजादी के बाद भारत की कहानी को भी प्रधानमंत्रियों के जीवन और योगदान के जरिये संग्रहालय में बता जाएगा. बताया गया है कि इस परिसर में भविष्य के सभी प्रधानमंत्रियों के लिए भी पर्याप्त जगह रखा गया है.
प्रधानमंत्रियों के बारे में लोगों के बीच बढ़ेगी जागरूकता
केंद्र सरकार के मुताबिक, यह म्यूजियम देश के सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाएगा. देश वासी और बाहर से आने वाले लोग उनके विजन के बारे में जान सकेंगे. प्रधानमंत्री संग्रहालय ( Prime Minister Museum ) को देख कर युवा वर्ग प्रेरित होंगे और कुछ नया सीखेंगे. वह देखेंगे कि इन प्रधानमंत्रियों ने कैसे राष्ट्र निर्माण के लिए तिनके-तिनके को जोड़कर अपना योगदान दिया. साथ ही किनके कार्यकाल में देश के संविधान में क्या विस्तार हुआ.
अब तक यहां रखी थी सिर्फ पंडित नेहरू से जुड़ी चीजें
अब तक तीन मूर्ति भवन में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से जुड़ी यादों का ही संग्रहालय था. अब यहां नए बने भव्य प्रधानमंत्री संग्रहालय में आजाद भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की पूरी कहानी दिखेगी. देश के सभी प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, बाबा साहेब आंबेडकर और जय प्रकाश नारायण के व्यक्तित्व और कृतित्व को पेश किया जा रहा है.
परिवारों और डिजिटल डिस्प्ले से जुटाई गई जानकारियां
दिल्ली के तीन मूर्ति भवन ( Teen Murti Bhawan ) स्थित प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम में देश के सभी 15 प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनके योगदान की प्रदर्शनी लगेगी. कई पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़े कलेक्शन होंगे. इनमें पूर्व प्रधानमंत्रियों की दुर्लभ तस्वीरें, भाषण, वीडियो क्लिप, समाचार पत्र, इंटरव्यू और मूल लेखन प्रदर्शित किए जाएंगे. म्यूजियम में पूर्व प्रधानमंत्रियों की जानकारी उनके परिवारों और डिजिटल डिस्प्ले से भी इकट्ठा किया गया है.
पूर्व प्रधानमंत्रियों को कार्यकाल के अनुसार उचित स्थान
संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों की गैलरी को उनके कार्यकाल के अनुसार उचित स्थान दिया गया है. इस संग्रहालय को बनाने का मकसद देश की युवा पीढ़ी को सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदृष्टि और उनकी उपलब्धियों के बारे में संवेदनशील बनाना और प्रेरित करना है. इसका निर्माण नए भारत और को आकार देने की कहानी से प्रेरित है.
ये भी पढ़ें - अमेरिका ने उठाया मानवाधिकार का मुद्दा, भारत ने दिया करारा जवाब
इसलिए किया गया अंबेडकर जयंती पर उद्घाटन
इस म्यूजियम के उद्घाटन के लिए 14 अप्रैल यानी अंबेडकर जयंती इसलिए चुनी गई क्योंकि सभी प्रधानमंत्रियों ने संविधान का पालन करते हुए काम किया है. दूसरी ओर, इस संग्रहालय के डिजायन में टिकाऊ और ऊर्जा संरक्षण प्रथाओं का ध्यान रखा गया है. पूरी परियोजना के दौरान एक भी पेड़ नहीं गिराया गया.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा