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लगातार तीन रात दिखेगा Supermoon, खगोल विज्ञानियों के लिए अब तक पहेली

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों (Astronomers) के मुताबिक धरती के सबसे करीबी प्‍वाइंट पर जब चांद पहुंचता है तो यह बाकी दिनों में पूर्ण चांद के आकार से थोड़ा बड़ा नजर आता है. चांद के सबसे नजदीकी प्‍वाइंट को perigee कहा जाता है.

Updated on: 12 Jul 2022, 03:03 PM

highlights

  • 13 जुलाई को चंद्रमा 24 घंटे ज्यादा बड़ा और चमकीला नजर आएगा
  • खगोलीय घटना में चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा
  • धरती से चंद्रमा के सबसे नजदीकी प्‍वाइंट को perigee कहा जाता है

नई दिल्ली:

आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा ( Guru Purnima 2022) के अवसर इस बार एक विशेष खगोलीय घटना का नजारा भी आसमान में दिखने वाला है. बुधवार 13 जुलाई की शाम आसमान में चंद्रमा साल के बाकी दिनों से अधिक बड़ा और ज्यादा चमकीला दिखेगा. इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा. उसकी दूरी धरती से सिर्फ 3,57,264 किलोमीटर रह जाएगी. इस बड़े और चमकीले चांद को जुलाई सुपरमून या जुलाई बक मून ( July Supermoon 2022 or July Super Buckmoon) कहा जाता है.

इंडिपेंडेंट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुपरमून उस वक्त करीब 14 फीसदी बड़ा दिखेगा. साथ ही उसकी चमक 30 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ जाएगी.  वैसे तो 13 जुलाई को चंद्रमा पूरे 24 घंटे तक साल के बाकी दिनों से ज्यादा बड़ा और चमकीला नजर आएगा, लेकिन 12-13 जुलाई की आधी रात को 12.08 बजे ये सबसे विशाल होगा. इस दौरान चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा. वहीं, अगले करीब तीन दिनों तक ये पूर्ण चंद्रमा की तरह दिखेगा. 

Astronomers के लिए अब तक पहेली

इससे पहले पिछला सुपरमून 14 जून, 2022 को दिखा था. उसे स्ट्रॉबेरी मून ( Strawberry Moon 2022) कहा गया था. आसमान में उदय या अस्त होते समय चंद्रमा क्यों ज्यादा बड़ा या ज्यादा चमकीला नजर आता है? खगोल विज्ञानियों के लिए ये सवाल अब तक पहेली (Puzzle of Astronomers) बना हुआ है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ( NASA) के वैज्ञानिकों ने एक संभावित व्याख्या यह दी है कि हम अपनी दृष्टि की रेखा के भीतर वस्तुओं के सापेक्ष आकार की तुलना करते हैं.  

अपने आकलन पर NASA ने जताया संदेह

NASA ने बीते साल यानी 2021 में अपने एक ब्लॉग में कहा था कि हो सकता है कि शायद पेड़, पहाड़ और इमारतें हमारे दिमाग में ऐसा भ्रम पैदा करती हों कि चंद्रमा उस वक्त अधिक करीब, बड़ा और चमकीला हो गया है. हालांकि ब्लॉग में यह भी बताया गया था कि यह आकलन या संभावना पूरी तरह सही और सटीक नहीं भी हो सकता है. इसकी वजह में ब्लॉग में लिखा गया था कि अंतरिक्ष से भी चंद्रमा उदय या अस्त होते समय बड़ा नजर आता है, जबकि वहां तो पेड़ या पहाड़ जैसी कोई चीज नहीं होती. वहां दृष्टि की रेखा के भीतर वस्तुओं के सापेक्ष आकार की तुलना नहीं हो सकती है.

धरती के इतना करीब था स्ट्रॉबेरी मून

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती के सबसे करीबी प्‍वाइंट पर जब चांद पहुंचता है तो यह बाकी दिनों में पूर्ण चांद के आकार से थोड़ा बड़ा नजर आता है. चांद के सबसे नजदीकी प्‍वाइंट को perigee कहा जाता है. इस साल 14 जून मंगलवार को सूपरमून के दौरान 17 फीसदी बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार नजर आया था. चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी 222,238 मील रही थी. इसे स्ट्रॉबेरी मून या गुलाबी चंद्रमा कहा गया था. दुनिया भर में इस सुपरमून की काफी तस्वीरें शेयर की गई थीं.

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इस साल दिखेंगे 5 और सुपरमून

रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे साल में अब इससे बड़ा और चमकीला चांद फिर नहीं दिखेगा. इसलिए 13 जुलाई की शाम को इस खगोलीय घटना को लेकर अंतरिक्ष में दिलचस्पी रखने वाले लोग काफी उत्साहित हैं.  इस साल पूरी दुनिया में 3 और सुपरमून दिखाई देंगे. इनमें से पहला 11 अगस्त, दूसरा 10 सितंबर, तीसरा 9 अक्टूबर, चौथा 8 नवंबर और पांचवां 7 दिसंबर को आसमान में नजर आएगा. हालांकि ये सभी 13 जुलाई को दिखने वाले चंद्रमा के मुकाबले कम बड़ा और चमकीला होगा.