BrahMos सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, बातें जो जानना आपके लिए जरूरी हैं
मंगलवार यानी 29 नवंबर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. क्रूज मिसाइल का यह संस्करण 450 किलोमीटर या उससे अधिक की दूरी पर स्थित लक्ष्य का सटीक निशाना लगाने में सक्षम है.
highlights
मिसाइल टेक कंट्रोल रिजीम का हिस्सा बनने पर ब्रह्मोस की उड़ान सीमा बढ़ी
पहले ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों की उड़ान सीमा 290 किमी ही हुआ करती थी
ब्रह्मोस का यह संस्करण 450 किमी या अधिक दूरी का लक्ष्य को भेद सकता है
नई दिल्ली:
भारतीय सेना ने अंडमान और निकोबार (Andaman and Nicobar) द्वीप समूह से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. इस महीने की शुरुआत में भारत द्वारा एयरमेन को नोटिस जारी करने के बाद यह परीक्षण किया गया था. परीक्षण से पहले इलाके के ऊपरी आसमान को नो-फ्लाई जोन के लिए अधिसूचित किया गया था. बताया जा रहा है कि मंगलवार को ब्रह्मोस (BrahMos) सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के जिस संस्करण का सफल परीक्षण किया गया है, वह 450 किलोमीटर या उससे अधिक की दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेद सकता है. गौरतलब है कि इस साल भारत ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के कई परीक्षण किए हैं.
ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में जानने योग्य कुछ प्रमुख बातें
- यह भारत-रूस का एक संयुक्त उद्यम है. सेना में 2007 से ब्रह्मोस रेजिमेंट में शामिल है.
- वर्तमान में इसके पास प्रकाश के माध्यम से यानी सुपरसोनिक स्पीड के साथ 290 किमी तक की उड़ान क्षमता है. यह लक्ष्य से भटकती नहीं और उस पर जल्द निशाना साध लेती है. फिलवक्त दुनिया की कोई भी ज्ञात हथियार प्रणाली इसके अपने लक्ष्य को भेदने के रास्ते में अवरोध उत्पन्न नहीं कर सकती है.
- ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल 'फायर एंड टारगेट' ऑपरेशन मोड पर काम करती है यानी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कई तरह की उड़ान पथ अपनाती है. इसकी उड़ान ऊंचाई 15 किमी तक हो सकती है और सबसे कम ऊंचाई 10 मीटर जितनी कम. मिसाइल अपने साथ 200 से 300 किग्रा तक का पारंपरिक वारहेड ले जाने में सक्षम है.
#Lt Gen Ajai Singh, AVSM, C-in-C #ANC congratulates Western Command #IndianArmy on successful test firing of extended range surface to surface #BrahMos missile @ A&N Islands on 29 Nov 22.#ANC#IndianArmy@westerncomd_IA pic.twitter.com/pV9FjaY2C1
— Andaman & Nicobar Command (@AN_Command) November 29, 2022
- ब्रह्मोस को जमीन, समुद्र और हवा से प्रक्षेपित किया जा सकता है. यही नहीं तीनों माध्यमों के लिए इसका एक जैसा ही कन्फिगरेशन रहता है. वर्तमान में यह सेना के तीनों अंगों में तैनात है.
- मिसाइल की वर्तमान 290 किमी उड़ान सीमा को इसलिए रखा गया था क्योंकि भारत मिसाइल टेक कंट्रोल रिजीम (MTCH) का हिस्सा नहीं था. 2016 में देश इसमें शामिल हो गया और बाद में इसकी उड़ान सीमा को 300 किमी से अधिक करने की अनुमति दी गई.
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