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सावधान! अब Wi-Fi के जरिए हैकर्स की सेंध, यूजर्स ऐसे बचाएं पर्सनल डेटा

Lumen Technologies की रिपोर्ट के अनुसार हैकर्स  ZuoRAT नाम के मैलवेयर से वाई-फाई राउटर्स पर अटैक करते हैं और यूजर्स के कंप्यूटर और मोबाइल के डेटा को चोरी कर लेते हैं. 

Updated on: 02 Jul 2022, 07:31 PM

highlights

  • खतरनाक मैलवेयर ZuoRAT बड़ी चालाकी से अपना काम करता है
  • मैलवेयर में चार कंपोनेंट्स होने से डिटेक्ट करना भी मुश्किल होताहै
  • वर्क फ्रॉम होम के कारण बड़ी संख्या में घरों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगे

नई दिल्ली:

दुनिया भर के हैकर्स अब वाई-फाई राउटर्स (Wi-Fi routers) को अटैक करके कंप्यूटर और कनेक्टेड डिवाइस से एक खतरनाक मैलवेयर के जरिए डेटा चुरा रहे हैं. घरों और दफ्तरों में लगा ब्रॉडबैंड कनेक्शन (Broadband Connection) और वाई-फाई राउटर्स के जरिए यूजर्स के डेटा में घुस रहे हैं. Lumen Technologies की रिपोर्ट के अनुसार हैकर्स  ZuoRAT नाम के मैलवेयर से वाई-फाई राउटर्स पर अटैक करते हैं और यूजर्स के कंप्यूटर और मोबाइल के डेटा को चोरी कर लेते हैं. 

रिपोर्ट सामने आने के बाद टेक्नोलॉजी जगत में एक बार फिर प्राइवेसी और सिक्योरिटी की चिंता बढ़ गई है. यूजर्स के घर या दफ्तर में लगा वाई-फाई भी सुरक्षित नहीं रहा. कोरोना काल में शुरू वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कल्चर के कारण बड़ी संख्या में घरों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन का इस्तेमाल शुरू हो गया था. हाई स्पीड इंटरनेट और ज्यादा डेटा के चक्कर में ब्रॉडबैंड कनेक्शन को लेकर यूजर्स ने काफी दिलचस्पी दिखाई है. यूजर्स काम को आसान बनाने वाला वाई-फाई अब हैकर्स का नया हथियार भी बन गया है.

मैलवेयर ZuoRAT को डिटेक्ट करना मुश्किल

रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स का हथियार खतरनाक मैलवेयर ZuoRAT बड़ी चालाकी से अपना काम करता है. यूजर्स को इसकी भनक तक नहीं लग पाता. Lumen Technologies का दावा है कि यह मैलवेयर आसुस, सिस्को, ड्रेटेक और नेटगियर जैसी नामी कंपनियों के राउटर्स को अटैक कर रहा है. इसके साथ ही यह मैलवेयर टारगेट किए गए वाई-फाई नेटवर्क पर बिना पकड़ में आए काफी सालों तक छुपा रह सकता है. इसकी जल्दी पहचान काफी जरूरी है. 

देश के बाहर नेटवर्क्स पर अटैक की आशंका

टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स का कहना है कि वाई-फाई राउटर्स पर अटैक्स काफी आम होते हैं. माना जा रहा है कि भारतीय नेटवर्क्स पर इसे देश के बाहर से इस नए और काफी टॉप लेवल के मैलवेयर से अटैक किया जा रहा है. इस मैलवेयर में चार कंपोनेंट्स हैं और इसी कारण इसे डिटेक्ट करना भी मुश्किल होता है. यह मैलवेयर पहले राउटर्स को अटैक करता है. इसके बाद नेटवर्क पर मौजूद इन्फॉर्मेशन को एक्सेस करता है. इसके जरिए हैकर्स बड़ी आसानी से यूजर्स के विंडोज, macOS या Linux डिवाइस को एक्सेस कर लेता है. 

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अपने वाई-फाई राउटर्स को ऐसे सेफ रखें

हैकर्स के अटैक के बढ़ते खतरे को देखकर सावधानी इसी में है कि अपने वाई-फाई राउटर्स को सुरक्षित रखा जाए. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके कुछ तरीके हैं- 

समय-समय पर वाई-फाई राउटर को रीबूट करते रहें.

राउटर्स के लिए आए सिक्योरिटी अपडेट और पैचेज को भी इंस्टॉल करें.

राउटर में लेटेस्ट सिक्यॉरिटी अपडेट इंस्टॉल रहने पर हैकिंग का खतरा काफी कम हो जाएगा.

विंडोज और Linux यूजर ऐंटी-मैलवेयर प्रोटेक्शन सर्विस को भी यूज कर सकते हैं.  

कोई दिक्कत सामने आने पर सिक्योरिटी एक्सपर्ट से संपर्क करें.