IIT दिल्ली को मिली बड़ी सफलता, पानी से बना रहा है सस्ता Hydrogen Fuel
हाइड्रोजन गैस, एक व्यवहारिक और जीवाश्म ईंधन के लिए एक अक्षय विकल्प के रूप में पसंद किया जाता है. यह गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकती है. आईआईटी दिल्ली के मुताबिक हाइड्रोजन ईंधन एलपीजी गैस की ही तरह सिलेंडर में प्रयोग किया जा सकता है.
highlights
- आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिकों ने पानी से हाइड्रोजन को अलग कर ईंधन के रुप में इस्तेमाल करने की तकनीक ढूंढी
- हाइड्रोजन ईंधन को एलपीजी गैस (LPG Gas) की ही तरह सिलेंडर में प्रयोग किया जा सकता है: आईआईटी दिल्ली
नई दिल्ली :
आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के वैज्ञानिकों ने पानी (Water) से हाइड्रोजन (Hydrogen) को अलग कर ईंधन के रुप में इस्तेमाल करने की तकनीक ढूंढी है. इस तकनीक में पानी से हाइड्रोजन गैस का निर्माण किया जा रहा है. इस तकनीक को सल्फर-आयोडीन थर्मोकेमिकल हाइड्रोजन चक्र के रूप में जाना जाता है. यह औद्योगिक खपत के लिए कम लागत में स्वच्छ हाइड्रोजन ईंधन उत्पन्न कर सकती है. हाइड्रोजन गैस, एक व्यवहारिक और जीवाश्म ईंधन के लिए एक अक्षय विकल्प के रूप में पसंद किया जाता है. साथ ही यह गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकती है. आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर श्रीदेवी उपाध्यायुला ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे पानी पर स्विच करने की आवश्यकता है. थर्मो-डिवीजन पानी के लिए रसायनिक हाइड्रोजन चक्र हाइड्रोजन उत्पन्न करने का एक व्यावहारिक साधन प्रदान करता है। ईंधन के रूप में और उप-उत्पाद के रूप में इसे अनुकूल माना जा सकता है. निकट भविष्य में बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन का व्यावसायिक उत्पादन किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: नंबर-1 पर ट्रेंड हुआ Koo App, क्या Twitter की बढ़ेगी परेशानी
हाइड्रोजन ईंधन एलपीजी गैस की ही तरह सिलेंडर में कर सकते हैं प्रयोग
आईआईटी दिल्ली के मुताबिक इस तरह बनाया गया हाइड्रोजन ईंधन एलपीजी गैस की ही तरह सिलेंडर में प्रयोग किया जा सकता है. आईआईटी दिल्ली भविष्य का ईंधन तैयार करने की तकनीक पर काम कर रहा है. इसमें आईआईटी दिल्ली को काफी सफलता भी मिली है। यह पेट्रोलियम ईधन का बेहतर विकल्प साबित होगा. इससे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन भी कम होगा। आईआईटी दिल्ली का यह शोध हाल ही में प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पत्रिका एप्लाइड कैटालिसिस बी एनवायरमेंटल में भी प्रकाशित हुआ है. अध्ययन में आईआईटी दिल्ली के खोजकर्ताओं ने एक प्रक्रिया विकसित की है। प्रोफेसर श्रीदेवी उपाध्यायुला की देखरेख में एक अनुसंधान समूह -- प्रोफेसर अशोक, एन भास्करवर, रसायन विभाग से प्रोफेसर अनुपम शुक्ला, भौतिकी विभाग में इंजीनियरिंग प्रोफेसर सास्वता भट्टाचार्य कम लागत पर स्वच्छ ईंधन उत्पादन के लिए शोध कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: कार्गो मिशन से लौट रहे रूसी अंतरिक्ष यान में धमाका, एस्ट्रोनॉट्स ने साझा कीं तस्वीरें
2000 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पानी से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन किया जाता है अलग
आईआईटी दिल्ली के मुताबिक आमतौर पर 2000 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पानी से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन अलग किया जाता है. आईआईटी में इस प्रक्रिया को सल्फर-आयोडिन थर्मोकेमिकल हाइड्रोजन प्रोसेस के जरिये सुगम बनाया गया है. नई प्रक्रिया के तहत आयोडीन और सल्फर का प्रयोग कर पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में लगभग 150 डिग्री सेल्सियस पर अलग करते हैं. यहां आयोडीन और सल्फर को रिसाइकिल भी किया जा सकेगा. प्रोफेसर श्रीदेवी ने बताया कि ओएनजीसी एनर्जी सेंटर के आर्थिक सहयोग से यह प्रोजेक्ट चल रहा है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Mishri Ke Upay: चमत्कारी है धागे वाली मिश्री का ये उपाय, बरसने लगेगी देवी लक्ष्मी की कृपा
-
Remove Negative Energy: नकारात्मक ऊर्जा से हैं परेशान, पानी में ये डालकर करें स्नान
-
Shani Jayanti 2024: शनि जयंती के दिन इस तरह करें शनिदेव की पूजा, आर्थिक संकट होगा दूर
-
Mulank 7 Numerology 2024: मई में इस मूलांक के लोगों को मिलने वाले हैं कई नए अवसर, हो जाएं तैयार