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कोरोना से जीवन को हुआ नुकसान, लेकिन धरती को मिल रही 75 साल बाद ऐसी साफ हवा

लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण कम हो रहा है. धरती साफ हवा में सांस ले रही है. आसमान साफ हो गए है. धरती पर इतनी साफ हवा करीब 75 साल बाद देखने को मिल रही है.

Updated on: 03 Apr 2020, 05:54 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronaviurs) ने पूरी दुनिया में भले ही तबाही मचा रखी हो. लेकिन इसकी वजह से धरती को बहुत फायदा भी हो रहा है. लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण कम हो रहा है. धरती साफ हवा में सांस ले रही है. आसमान साफ हो गए है. रात में तारे दिखाई देने लगे हैं. बताया जा रहा है कि धरती पर इतनी साफ हवा करीब 75 साल बाद देखने को मिल रही है. द्वितीय विश्व युद्ध के पहले मौसम इतना साफ हुआ था.

लॉकडाउन की वजह से गाड़ियों का चलना कम हो गया है, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं बंद हो गया है. जिसकी वजह से कार्बन उत्सर्जन कम हो गया है. ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट के प्रमुख रॉब जैक्सन के मुताबिक इस साल कार्बन उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है. करीब 5 प्रतिशत तक कार्बन उत्सर्जन कम होगा.  2008 में जब आर्थिक मंदी के दौर से दुनिया गुजर रही थी तब भी कार्बन उत्सर्जन गिरकर 1.4 प्रतिशत हो गया था.

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सेकेंड वर्ल्ड वॉर के वक्त कई देश बंद थे जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर गिरा था

कैलिफोर्निया स्थिति स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रॉब जैक्सन का कहना है कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के वक्त कई देश बंद थे.गाड़ियों का परिचनाल, उद्योग और बाजार बंद थे. जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर बेहद कम हो गया था. उसके बाद कभी ऐसा नहीं हुआ. फिर से साल 2020 में वैसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.

धरती पर अच्छा बदलाव दिख रहा है लेकिन लॉकडाउन के बाद स्थिति पहले जैसी हो जाएगी

वहीं, पूर्वी इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया की पर्यावरण विज्ञानी कोरीन ले क्वेरे ने भी कहा है कि अभी धरती पर अच्छा बदलाव दिख रहा है. लेकिन जब लॉकडाउन खत्म होगा स्थिति पहले जैसी हो जाएगी. 2008 की आर्थिक मंदी के बाद धरती पर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में अद्भुत गिरावट आई थी. लेकिन उसके बाद वह वापस 5.1 फीसदी बढ़ गया.

चीन में कार्बन उत्सर्जन में आई कमी 

संयुक्त राष्ट्र (UN) ने नवंबर 2019 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर हर साल कार्बन उत्सर्जन में 7.6 फीसदी की गिरावट आए तब जाकर ग्लोबल वॉर्मिंग में 1.5 डिग्री सेल्सियस की कमी आएगी. चीन में लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण का स्तर और कार्बन उत्सर्जन 30 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है.

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बता दें कि कोरोना वायरस ने दुनिया के अमूमन हर मुल्क में दावा बोला है. जिसकी वजह से यूरोप समेत कई देश लॉकडाउन कर रखे हैं. सिर्फ जरूरत की चीजों के लिए लोग बाहर निकल रहे हैं. पूरी दुनिया के 10 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. जबकि 54 हजार से ज्यादा लोगों की जान कोरोना ले चुका है.