अहोई अष्टमी 2018: संतान के लिए माएं रखती हैं व्रत, जानें शुभ मुहूर्त
उत्तर भारत में अहोई अष्टमी के व्रत का विशेष महत्व है। इसे 'अहोई आठे' भी कहा जाता है।
नई दिल्ली:
संतान प्राप्ति और उनकी लंबी उम्र के लिए महिलाएं 31 अक्टूबर को अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami Vrat) का व्रत रखेंगी। इस दिन माता पार्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि जो भी महिला पूरे मन से इस व्रत को रखती है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है। इस व्रत को करवा चौथ के चार दिन बाद और दिपावली के त्योहार से आठ दिन पहले रखा जाता है।
अहोई अष्टमी का महत्व
उत्तर भारत में अहोई अष्टमी के व्रत का विशेष महत्व है। इसे 'अहोई आठे' भी कहा जाता है। अपने बच्चों को अनहोनी से बचाने के लिए और उनकी रक्षा करने के लिए महिलाएं अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं। दिन भर कठोर व्रत रखने के बाद शाम को तारों को अर्ध्य दिया जाता है। कुछ महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करती हैं।
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अहोई अष्टमी शुभ मुहूर्त
31 अक्टूबर 2018 को शाम 5 बजकर 45 मिनट से शाम 7 बजकर 2 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।
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