Vastu Tips: भोजन करते समय इस दिशा में बैठें, घर में आएगी सुख-समृद्धि
Vastu Tips: हमारे वेदों और पुराणों में भी कहा गया है कि अगर हम अच्छा खाएंगे तो हमारा मूड भी अच्छा रहेगा. हम किस दिशा में खाना बनाते हैं और किस दिशा में खाना खाते हैं? इससे भी बहुत फर्क पड़ता है.
नई दिल्ली:
Vastu Tips: खाना खाते समय बैठने की दिशा के बारे में विभिन्न धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं हैं. खाना खाने का वास्तु महत्व व्यक्तिगत स्वास्थ्य, परिवारिक हर्मोनी, और आत्मिक संवाद के लिए महत्वपूर्ण होता है. यह न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, बल्कि हमारे घर की ऊर्जा भी सकारात्मक रूप से प्रभावित होती है. खाना खाने का वास्तु महत्व हमारे परिवार में समन्वय और समर्थन को बढ़ावा देता है. एक साथ खाना खाने का अनुभव आपसी संबंधों को मजबूत करता है और संघर्षों को हल करने में मदद करता है. वास्तु के अनुसार खाना खाने का सही स्थान, उचित उपकरणों का उपयोग और सही आसन हमारे पाचन को सुधारता है और हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है. एक साथ खाना खाने का वास्तु महत्व हमें सामूहिक रूप से जोड़ता है और हमें एक-दूसरे के साथ संवाद करने का अवसर प्रदान करता है. यह हमारे बातचीत और संबंधों को मजबूत और गहरा बनाता है. खाना खाने के वास्तु तौर पर स्थान को एक साथ खरीदा जाता है और यह एक साथी और परिवार के सदस्यों के बीच एक दृढ़ संबंध बनाता है. खाना खाने का वास्तु महत्व हमें न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि परिवारिक संबंधों और आत्मिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है. इसलिए हमें अपने भोजन को सही स्थान और सही दिशा में खाना चाहिए ताकि हम स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकें.
धार्मिक मान्यताएं:
हिंदू धर्म में, पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है. इस दिशा में बैठकर भोजन करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. उत्तर दिशा को धन और समृद्धि की दिशा माना जाता है. इस दिशा में बैठकर भोजन करने से धन और समृद्धि प्राप्त होती है. पश्चिम दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है. इस दिशा में बैठकर भोजन करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है. इस दिशा में बैठकर भोजन करने से मृत्यु का भय होता है. इसलिए, भोजन करते समय इस दिशा में बैठने से बचना चाहिए.
वैज्ञानिक मान्यताएं:
पाचन: पूर्व दिशा में बैठकर भोजन करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है. इस दिशा में सूर्य की रोशनी आती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है.
एकाग्रता: उत्तर दिशा में बैठकर भोजन करने से एकाग्रता बढ़ती है. इस दिशा में बैठकर भोजन करने से मन शांत होता है और भोजन पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है.
रक्त प्रवाह: पश्चिम दिशा में बैठकर भोजन करने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है. इस दिशा में बैठकर भोजन करने से शरीर में रक्त का संचार सुचारू रूप से होता है.
खाना खाते समय बैठने की दिशा के बारे में कोई सख्त नियम नहीं है. आप अपनी सुविधा और पसंद के अनुसार किसी भी दिशा में बैठकर भोजन कर सकते हैं. भोजन करने से पहले अपने हाथों और मुंह को अच्छी तरह से धो लें. भोजन करते समय ध्यान केंद्रित करें और शांति से भोजन करें. भोजन करने के बाद ईश्वर और उन लोगों का आभार व्यक्त करें जिन्होंने भोजन तैयार किया. खाना खाना एक महत्वपूर्ण क्रिया है. यह हमारे शरीर को पोषण प्रदान करता है और हमें स्वस्थ रखता है. खाना खाते समय बैठने की दिशा पर ध्यान देने से हमें भोजन का अधिक लाभ उठाने में मदद मिल सकती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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