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Somnath Temple: क्या है सोमनाथ मंदिर का इतिहास? जान लें दर्शन करने का तरीका और महत्व

Somnath Temple: सोमनाथ मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से पहला है और यह गुजरात के वेरावल शहर में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह 1600 साल से भी अधिक पुराना है

Updated on: 26 Feb 2024, 11:53 AM

New Delhi:

Somnath Temple: सोमनाथ मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से पहला है और यह गुजरात के वेरावल शहर में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह 1600 साल से भी अधिक पुराना है.  सोमनाथ मंदिर भारत का पहला और सबसे पुराना ज्योतिर्लिंग है और इसका इतिहास बहुत प्राचीन है. इस मंदिर का निर्माण चंद्रगुप्त प्रथम के समय में, सन् 477 में, सोम राजा के द्वारा हुआ था. सोमनाथ मंदिर गुजरात के प्रसिद्ध समुद्र तट पर स्थित है. इस मंदिर की निर्माण शैली में चार द्वार होते हैं और इसकी ऊँचाई 206 फीट है. सोमनाथ मंदिर ने विभिन्न कालों में अनेक बार आक्रमणों का सामना किया है, लेकिन हर बार इसकी पुनर्निर्माण की प्रक्रिया होती रही है. इस मंदिर का विशेष धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है. इस मंदिर के ज्योतिर्लिंग को समर्पित किया गया है. सोमनाथ मंदिर के इतिहास में अनेक महान राजा और धार्मिक व्यक्तित्वों ने भाग लिया है. इसका मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य सदा ही चलता रहता है और यहा. पर हर वर्ष अनेक पर्व और उत्सव मनाए जाते हैं.सोमनाथ मंदिर का इतिहास भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है. 

मंदिर का इतिहास

सोमनाथ मंदिर का इतिहास बहुत पुराना और गौरवशाली है. कहा जाता है कि यह मंदिर मूल रूप से सोने से बना था और इसका निर्माण चंद्र देवता ने किया था. इसके बाद मंदिर का कई बार पुनर्निर्माण हुआ. सोमनाथ मंदिर का स्थापत्य अत्यंत भव्य और सुंदर है. मंदिर का गर्भगृह 15 फीट ऊंचा है और इसमें भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग स्थापित है. मंदिर के परिसर में कई अन्य मंदिर और स्मारक भी हैं. सोमनाथ मंदिर हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है. ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में दर्शन करने आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.


मंदिर दर्शन: सोमनाथ मंदिर सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है. मंदिर में दर्शन करने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है.

मंदिर के आसपास के दर्शनीय स्थल: सोमनाथ मंदिर के आसपास कई अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं, जिनमें वेरावल बीच, द्वारकाधीश मंदिर, और बेट द्वारका शामिल हैं.

कैसे पहुंचें

सोमनाथ मंदिर सड़क, रेल और हवाई मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है.

सड़क मार्ग: सोमनाथ मंदिर गुजरात के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है.

रेल मार्ग: सोमनाथ मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन वेरावल है, जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है.

हवाई मार्ग: सोमनाथ मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा भावनगर है, जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)