Mangalsutra Niyam: मंगलसूत्र पहनने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, वरना तबाह हो जाएगा पति का जीवन!
Mangalsutra Niyam: मंगल सूत्र, वैदिक ज्योतिष से उत्पन्न, व्यक्ति की जन्मकुंडली या कुंडली में ग्रह मंगल के सूचीत स्थान का महत्वपूर्ण सिद्धांतों को खोलता है. मंगलसूत्र पहनने के नियम सामाजिक और सांस्कृतिक आदर्शों के अनुसार विभिन्न समुदायों में अलग-अलग हो सकते हैं
नई दिल्ली:
Mangalsutra Niyam: मंगल सूत्र, वैदिक ज्योतिष से उत्पन्न, व्यक्ति की जन्मकुंडली या कुंडली में ग्रह मंगल के सूचीत स्थान का महत्वपूर्ण सिद्धांतों को खोलता है. यह स्थान ज्योतिषीय रूप से व्यक्ति को मंगल की ऊर्जा से जोड़ने के रूप में, विभिन्न पहलुओं को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मंगल की स्थिति व्यक्ति की ऊर्जा, संघर्ष, और टकराव की संभावनाओं की बातें बताती है. एक स्वास्थ्य और सकारात्मक बनाए रखने के लिए मंगल की ऊर्जा को व्यक्ति कैसे प्रभावी रूप से उपयोग कर सकता है इसे समझना ज्योतिषियों को मदद करता है.
रिश्तों के संदर्भ में, मंगल सूत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. इसका स्थान व्यक्ति की प्रेम, विवाह और परिवारीय गतिविधियों के प्रति उनके दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकता है. एक अच्छे स्थिति वाला मंगल प्रेम और समर्पण में उत्साह को और बढ़ा सकता है. उलझनेवाले स्थितियां साझा संबंधों की तंत्रों को सावधानीपूर्वक संचालित करने की आवश्यकता हो सकती है.
मंगल सूत्र का एक और उल्लेखनीय पहलु है इसका विवाहित जीवन से संबंधित होना. पारंपरिक हिन्दू विवाहों में, मंगल सूत्र एक पवित्र धागा है जो विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक स्थिति का प्रतीक के रूप में पहनती हैं. यह मानवीय संबंधों के बीच मंगल की सृष्टि को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है. यह केवल एक आभूषण नहीं है बल्कि यह जोड़े के बीच का सम्बंध प्रतिष्ठित करता है.
ज्योतिषी अक्सर मंगल सूत्र का अध्ययन अन्य ग्रहों के स्थानों के साथ करते हैं ताकि वे व्यक्ति को उनके जीवन के रास्ते में सूर्यमुखी दिशा प्रदान करने में समर्थ हो सकें. इस सूत्र के माध्यम से मंगल के आकार में छिपी ऊर्जा को समझकर व्यक्ति को उसकी क्रियाओं और निर्णयों को आकाशीय बलों के साथ मेल करने की क्षमता प्रदान की जाती है, व्यक्तिगत विकास और रिश्तों में समर्थन को बढ़ावा देते हुए.
मंगलसूत्र पहनने के नियम (Mangalsutra Niyam)
मंगलसूत्र पहनने के नियम सामाजिक और सांस्कृतिक आदर्शों के अनुसार विभिन्न समुदायों में अलग-अलग हो सकते हैं. कुछ सामान्य नियमों में शामिल हो सकते हैं, जैसे कि:
1 मंगलसूत्र को पहनने से पहले व्यक्ति को पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए.
2. मंगलसूत्र को पहनने से पहले पूजा करना और आशीर्वाद प्राप्त करना शुभ माना जा सकता है.
3. मंगलसूत्र को सही दिशा में पहनना महत्वपूर्ण होता है जो विभिन्न समुदायों के अनुसार अलग हो सकता है.
4. ज्योतिष के अनुसार मंगलवार के दिन कभी भी मंगलसूत्र नहीं खरीदना चाहिए. इस दिन इसकी खरीदारी करना अशुभ माना जाता है.
5. भूलकर भी अपनी मंगलसूत्र किसी अन्य महिला को न दें और न ही किसी अन्य महिला का मंगलसूत्र पहनें
6. इस बात का ध्यान रखें कि जब भी मंगलसूत्र खरीदकर लाएं सबसे पहले माता पार्वती को अर्पित करें. इसके बाद इसे पहनें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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