Mangal Kalash: विवाह से पहले क्यों स्थापित किया जाता है मंगल कलश
Mangal Kalash: मंगल कलश को धार्मिक समारोहों में संगीत, नृत्य और पूजा के साथ उपयोग किया जाता है, जिससे उत्सव में आनंद और उत्साह का माहौल बना रहता है.
नई दिल्ली :
Mangal Kalash: मंगल कलश एक प्राचीन हिन्दू परंपरा है जो अनेक प्रतीकों और परंपराओं के साथ जुड़ी हुई है. यह परंपरा विवाह और धार्मिक पूजाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. मंगल कलश विवाह में उपयोग किया जाता है, जो शादी के शुभ समय पर लाए जाते हैं और उन्हें ग्रह-नक्षत्र के अनुसार स्थापित किया जाता है. इसका मतलब होता है कि मंगल कलश विवाह के पाठ के समय पर प्रयोग किया जाता है और इससे शुभता का अनुभव किया जाता है. इसके अलावा, मंगल कलश को धार्मिक पूजाओं में भी उपयोग किया जाता है, जैसे कि देवी-देवताओं की पूजा या धार्मिक उत्सवों के दौरान. इसे धर्मिक उत्सवों में उच्चारण के लिए विशेष रूप से सजाया जाता है और इसे प्रतीति के रूप में स्थापित किया जाता है. मंगल कलश को धार्मिक समारोहों में संगीत, नृत्य और पूजा के साथ उपयोग किया जाता है, जिससे उत्सव में आनंद और उत्साह का माहौल बना रहता है.
1. मंगल ग्रह का प्रभाव: हिंदू ज्योतिष में, मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस, और शक्ति का प्रतीक माना जाता है. विवाह में मंगल ग्रह की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि यह जीवनसाथी के बीच प्रेम, जुनून, और शारीरिक संबंधों को दर्शाता है. मंगल कलश स्थापित करके, मंगल ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित किया जाता है और विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाता है.
2. नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव: शादी से पहले, कई बार नकारात्मक ऊर्जा या बुरी नजर विवाह में बाधा डाल सकती है. मंगल कलश स्थापित करके, नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जाता है और विवाह में सकारात्मकता और खुशी का माहौल बनाया जाता है.
3. ग्रहों की स्थिति: विवाह से पहले, ज्योतिषी द्वारा ग्रहों की स्थिति का अध्ययन किया जाता है. यदि मंगल ग्रह कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो मंगल कलश स्थापित करके मंगल ग्रह की ऊर्जा को मजबूत किया जाता है और विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाता है.
4. शांति और समृद्धि: मंगल कलश स्थापित करके घर में शांति और समृद्धि का माहौल बनाया जाता है. यह विवाह के बाद होने वाले जीवन में खुशी और सफलता का प्रतीक माना जाता है.
5. धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म में, मंगल कलश को बहुत पवित्र माना जाता है. यह देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका माना जाता है. विवाह से पहले मंगल कलश स्थापित करके देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है और विवाह में सफलता और खुशी की कामना की जाती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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