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Lord Vishnu Hayagriva Avatar: मां लक्ष्मी ने क्यों दिया था नारायण के श्राप, जानें हयग्रीव अवतार की पूरी कहानी

Lord Vishnu Hayagriva Avatar: देवी लक्ष्मी के श्राप के कारण भगवान विष्णु का हयग्रीव अवतार श्रावण पूर्णिमा के दिन लिया था. अवतार में उन्होंने ज्ञान और विद्या के प्रतीक हयग्रीव के रूप में प्रकट होकर मानवता को दीक्षित किया और धर्म की ओर प्रेरित किया .

Updated on: 14 Mar 2024, 03:50 PM

नई दिल्ली:

Lord Vishnu Hayagriva Avatar: भगवान विष्णु हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं. वे त्रिमूर्ति के एक रूप हैं, जिनका मुख्य कार्य धर्म की स्थापना और संरक्षण करना है. विष्णु भगवान को जगत के पालनहार, संरक्षक, और संसार के सृष्टिकर्ता के रूप में पूजा जाता है. उन्हें अक्षय क्षेत्र के अधिपति, नारायण, जगन्नाथ, मुरारी, वामन, राम, कृष्ण, अच्युत, नरसिंह, वासुदेव, श्रीहरि, जनार्दन, विष्णु, नारायण, गोविंद, हरि, दमोदर, मधुसूदन, पुरुषोत्तम, रामचंद्र, आदि नामों से भी जाना जाता है. विष्णु की आराधना मंदिरों, क्षेत्रों, और घरों में विशेष उपास्यता और प्रेम के साथ की जाती है.

भगवान विष्णु ने हयग्रीव अवतार कई कारणों से लिया था:

1. वेदों की रक्षा: हयग्रीव नाम का एक दानव था जो वेदों को चुराकर पाताल लोक में ले गया था. वेद ज्ञान का स्रोत थे और उनकी चोरी से देवताओं और मनुष्यों दोनों को नुकसान हुआ था. भगवान विष्णु ने हयग्रीव अवतार लेकर दानव का वध किया और वेदों को वापस ला दिया.

2. ज्ञान का प्रसार: हयग्रीव अवतार ज्ञान का प्रतीक है. भगवान विष्णु ने इस अवतार में ज्ञान को सभी तक पहुंचाया और लोगों को शिक्षित किया.

3. बुराई पर अच्छाई की जीत: हयग्रीव दानव का वध बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. भगवान विष्णु ने हयग्रीव अवतार लेकर यह दर्शाया कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में अच्छाई की ही जीत होती है.

4. भक्तों की रक्षा: हयग्रीव अवतार का एक कारण भक्तों की रक्षा करना भी था. हयग्रीव दानव भक्तों को परेशान करता था और उनका ज्ञान छीन लेता था. भगवान विष्णु ने इस अवतार में भक्तों की रक्षा की और उन्हें ज्ञान प्रदान किया.

हयग्रीव अवतार की कथा: हयग्रीव नाम का एक दानव था जो भगवान ब्रह्मा से वेदों का ज्ञान प्राप्त करना चाहता था. उसने कठोर तपस्या की और भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न कर लिया. भगवान ब्रह्मा ने उसे वेदों का ज्ञान प्रदान किया. ज्ञान प्राप्त करने के बाद हयग्रीव अहंकारी हो गया और उसने वेदों को चुराकर पाताल लोक में ले गया. देवताओं और मनुष्यों दोनों को वेदों की चोरी से नुकसान हुआ. भगवान विष्णु ने हयग्रीव अवतार लेकर दानव का वध किया और वेदों को वापस ला दिया.

हयग्रीव अवतार का महत्व: हयग्रीव अवतार ज्ञान, शिक्षा, बुराई पर अच्छाई की जीत और भक्तों की रक्षा का प्रतीक है. यह अवतार हमें सिखाता है कि ज्ञान का उपयोग दूसरों की भलाई के लिए करना चाहिए और बुराई का विरोध करना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)