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Vat Purnima 2022 Vrat Upay: वट पूर्णिमा व्रत के दिन आजमाएं ये उपाय, घर में मौजूद नकारात्मकता और धन की कमी से छुटकारा पाएं

ज्येष्ठ माह में वट पूर्णिमा का व्रत (vat purnima 2022 vrat) 14 जून को रखा जाएगा. इस दिन कुछ खास उपाय (Vat purnima 2022 Vrat upay) करके घर में सुख-शांति लाई जा सकती है. इसके साथ ही धन की कमी भी दूर हो जाएगी. तो, चलिए उन उपायों के बारे में जान लें.

Updated on: 12 Jun 2022, 11:44 AM

नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में कई व्रत रखे जाते हैं. जो सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. एक ही एक व्रत वट पूर्णिमा (vat purnima 2022 vrat) का होता है. जो इस बार ज्येष्ठ माह में 14 जून को रखा जाएगा. ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को रखा जाने वाला व्रत वट पूर्णिमा व्रत या पूर्णिमा वट सावित्री व्रत (vat savitri 2022 vrat) कहलाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और बरगद वृक्ष की पूजा करती हुई उसकी 108 बार परिक्रमा करती हैं. इस व्रत को कई जगहों पर वट सावित्री व्रत के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन कुछ खास उपाय (Vat purnima 2022 Vrat upay) करके घर में सुख-शांति लाई जा सकती है. इसके साथ ही धन की कमी भी दूर हो जाएगी. तो, चलिए उन उपायों के बारे में जान लें.  

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वट पूर्णिमा 2022 व्रत उपाय 

धन की कमी दरिद्रता और कलह की वजह बनती है. इसका दोष आपके घर में ही छिपा होता है. इसलिए, धन की कमी को दूर करने के लिए बरगद के पेड़ पर सफेद सूत का धागा 7 बार बांधे और उसके बाद जल अर्पित करें. 

इस दिन घर में मौजूद नकारात्मकता को दूर करने के लिए भी बरगद के पेड़ की मदद ली जा सकती है. इसके लिए पेड़ की टहनी लेकर उसे घर के मंदिर के पास रख दें. आप चाहें तो इसे ऑफिस या दुकान में भी रख सकते हैं. इससे आपकी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी. 

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अगर आपके जीवन में लंबे समय से कोई बाधा बनी हुई है. तो, इसके लिए रविवार के दिन बरगद के पेड़ से जुड़ी ज्योतिष उपाय करना चाहिए. इसके लिए बरगद के पत्ते पर अपनी मनोकामना लिखें और इसे रविवार के दिन नदी में बदा दें. इस तरीके को आजमाने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी.  

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वट पूर्णिमा 2022 व्रत चंद्रोदय समय (Vat purnima 2022 Vrat chandrodya samay) 

वट पूर्णिमा व्रत में चंद्रमा का दर्शन करना जरूरी होता है. चांद के दर्शन करने के बाद ही पूर्णिमा व्रत समाप्त किया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा का चंद्रोदय शाम 7 बजकर 29 मिनट पर होगा. इस रात पूजा के बाद जल में दूध, शक्कर, फूल और अक्षत मिलाकर चंद्र देव को अर्पित से कुंडली में चंद्रमा से जुड़े दोष दूर (Vat Purnima Vrat 2022) हो जाते हैं.