logo-image

Chanakya Niti Demerits: जिन लोगों में होते हैं ये अवगुण, जीवन में नहीं मिलती सफलता और विकास जाता है रुक

जीवन को सरल और सफल बनाने के लिए चाणक्य ने कई नीतियां (Ethics Of Chanakya) बताई है जिनका अनुसरण करके लोग अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं.

Updated on: 07 Aug 2022, 07:51 AM

नई दिल्ली:

आचार्य चाणक्य (acharya Chanakya) ने जीवन जीने के कई पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया है. इनका अनुसरण करके हम जिंदगी जीने के तरीके को ओर बेहतर बना सकते हैं. उन्होंने अपनी नीति में हर चुनौती और समस्या से उबारने का तरीका बताया है. आचार्य चाणक्य भारत के महान राजनीतिज्ञ है. जिन्होनें अपनी बुद्धि की बदौलत एक अगल पहचान बनाई है. आचार्य चाणक्य की नीतियां (chanakya niti) युवा, बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत है. उनके अनमोल विचार आज भी लोगों का मार्गदर्शन करते हैं.  

यह भी पढ़े : Vastu Tips For Friendship: वास्तु की ये छोटी गलतियां कर सकती हैं आपका बड़ा नुकसान, खो सकते हैं आप अपना कीमती दोस्त

जीवन को सरल और सफल बनाने के लिए चाणक्य ने कई नीतियां (Ethics Of Chanakya) बताई है जिनका अनुसरण करके लोग अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं. कहा जाता है कि बुद्धि उसे काबिल और नाकाबिल बनाती है. आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे ही गुणों का जिक्र अपनी नीति में किया है. जो कि इंसान की बुद्धि को भ्रष्ट करके रख देता है. जिसकी वजह से लोग जीवन बर्बादी की राह पर चले जाते हैं. तो, चलिए जानते हैं कि वे अवगुण (Chanakya Neeti In Hindi) कौन-से हैं.     

यह भी पढ़े : Appearance Of These Things In Walls: आपके घर की दीवारें कर रही हैं आपको इशारा, नजरअंदाज करने से कहीं भुगतना न पड़े बड़ा खामियाजा

लालच -

लालच बुरी बला है. ये कहावत तो सबने सुनी होगी. ये लालच ही लोगों की बुद्धि के विकास को रोक देता है. किसी चीज को पाने का मोह उसे इतना अधिक लालची बना देता है कि उसके सोचने की क्षमता खत्म हो जाती है. लालची इंसान सामने वाले का फायदा उठाने के लिए हर दम मौके की तलाश में रहता है. लालच के जाल में फंसे लोग अच्छे बुरे की समझ नहीं कर पाते. लालच का त्याग करने में ही भलाई है वरना सफलता (greed) कभी नहीं मिलेगी.  

काम -

काम-वासना में लिप्त रहने वाले लोग कभी भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते. ये एक ऐसा अवगुण है जो यदि किसी पर हावी हो जाए तो उसकी बुद्धि के साथ-साथ शरीर का भी नाश हो जाता है. वासना के मोह में लोगों की सोचने समझने की शक्ति भी नष्ट हो जाती है.  

यह भी पढ़े : Hastrekha Shastra: महिलाओं की उंगलियां होती है ऐसी, स्वभाव से होती हैं गंभीर और बड़ी खर्चीली

अहंकार -

अहंकार में डूबे हुए लोग पतन के रास्ते पर निकल जाते हैं. घमंडी इंसान खुद को सर्वोपरि समझता है. जब लोगों में अहंकार का भाव आ जाता है तो, उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है. घमंड में चूर लोग सही गलत का आंकलन नहीं कर पाते और खुद का नुकसान कर बैठते हैं. अहंकार वो अवगुण है जो लोगों को समाज से अलग कर देता है क्योंकि घमंडी लोगों के साथ रहना कोई पसंद नहीं करता. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पद और पैसे का घमंड मात्र पलभर का होता है. जब घमंड टूटता है तो इंसान (ego) कहीं का नहीं रहता.