Ramadan 2024: रमजान के असली महत्व नहीं जानते होंगे आप
Ramadan 2024: रमजान का महीना इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है, यह एक पवित्र महीना माना जाता है और मुसलमान इस महीने में रोज़े रखते हैं, 2024 में रोजा 12 मार्च 2024 से शुरू हुआ था और 10 अप्रैल 2024 को समाप्त होगा.
नई दिल्ली:
Ramadan 2024: रमजान का महीना 29 या 30 दिनों का होता है. यह चांद के दिखने पर शुरू होता है और अगले चांद के दिखने पर समाप्त होता है. रमजान के हर दिन का अपना महत्व है. रोजा इस्लाम धर्म के अनुसार माह-रमज़ान में माना जाता है. यह एक माह की इबादत है जिसमें मुसलमान रोज़ा रखते हैं, जिसका अर्थ होता है रोज़ादारी करना. रमज़ान का माह इस्लामी कैलेंडर के हिजरी महीने के 9वें महीने में होता है. इस माह में मुसलमान रोज़ा रखकर ईश्वर की इबादत करते हैं. रोज़ा में दिनभर के समय में खाने, पीने, और यौन संबंधों से परहेज़ की जाती है. रोज़ा रखने का महत्व बहुत होता है क्योंकि इससे शरीर की निगरानी, स्वाध्याय, और ईश्वर की इबादत करने का अवसर मिलता है. इसके अलावा, रोज़ादारी करने से आत्म-नियंत्रण और आत्म-शुद्धि में भी मदद मिलती है. रमज़ान के इस महीने में चार तारीखों का खास महत्व होता है, जो लईलतुल क़द्र कहलाते हैं. इन रातों का खास महत्व होता है क्योंकि इसमें कुरान की पहली वही नाज़िल हुई थी. इस दिन के रोज़ा और इबादत का बहुत अधिक महत्व होता है और मुसलमान इस रात को ध्यानपूर्वक मनाते हैं.
पहला अशरा (1-10 रमजान):
रहमत का अशरा: इस अशरे में अल्लाह की रहमत और बरकत बरसती है.
लैलतुल कद्र: इस अशरे में लैलतुल कद्र की रात होती है, जो हजारों महीनों से बेहतर होती है.
दूसरा अशरा (11-20 रमजान):
मगफिरत का अशरा: इस अशरे में अल्लाह की मगफिरत और क्षमा की जाती है.
तरावीह: इस अशरे में तरावीह की नमाज पढ़ी जाती है.
तीसरा अशरा (21-30 रमजान):
जहन्नुम से आज़ादी का अशरा: इस अशरे में जहन्नुम से आज़ादी की दुआ की जाती है.
जकात: इस अशरे में जकात देना ज़रूरी होता है.
रमजान के हर दिन का महत्व:
रोज़ा: रमजान का सबसे महत्वपूर्ण फर्ज़ रोज़ा रखना है.
नमाज़: रमजान में पांचों वक्त की नमाज़ के अलावा तरावीह की नमाज भी पढ़ी जाती है.
कुरान: रमजान में कुरआन का पाठ करना ज़्यादा से ज़्यादा किया जाता है.
दुआ: रमजान में दुआएं कबूल होने की संभावना ज़्यादा होती है.
दान: रमजान में दान और ज़कात देना ज़रूरी होता है.
रमजान का महीना मुसलमानों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण महीना है. इस महीने में मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफ़ी मांगते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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