Chaitra Navratri 3rd Day: कौन हैं देवी दुर्गा का तीसरा रूप मां चंद्रघंटा, जानिए इनकी पूजा विधि और नियम
Chaitra Navratri 3rd Day: चैत्र नवरात्रि देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित एक हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारो में से एक है. नवरात्रि के तीसरे दिन, भक्त दुर्गा के तीसरे रूप, मां चंद्रघंटा की पूजा आराधना करतें है.
नई दिल्ली:
Chaitra Navratri 3rd Day: 9 अप्रैल से भारत में नवरात्रि का पावन त्योहार शुरू हो चुका है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपो की पूजा कि जाती है. नवरात्रि का तीसरा दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा को समर्पित है. माता चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत भव्य और शक्तिशाली है. इनका मुख अत्यंत सुंदर और शांत है, तथा इनके मस्तक पर चंद्रमा का अर्धचंद्र सुशोभित है. माता के दस हाथ हैं, जिनमें वे विभिन्न प्रकार के शस्त्र और वस्तुएं धारण करती हैं. सनातन धर्म ग्रंथों में मां की महिमा और कृपा का विस्तार से वर्णन किया गया है. मां चंद्रघंटा की सवारी सिंह है. माता ने अपने हाथों में गदा, तलवार, त्रिशूल आदि अस्त्र-शस्त्र धारण किये हुए हैं. धार्मिक मान्यता है कि देवी चंद्रघंटा की पूजा करने वाले भक्तों को सिंह के समान वीरता प्राप्त होती है. इसके अलावा मनुष्य को मृत्युलोक में सभी प्रकार के सांसारिक सुख प्राप्त होते हैं.आईए जानते है मां के इस रूप के पुजा का महत्व और विधी.
मां चंद्रघंटा का स्वरूप:
1. मुख: अत्यंत सुंदर और शांत
2. मस्तक: चंद्रमा का अर्धचंद्र
3. हाथ: दस, जिनमें विभिन्न प्रकार के शस्त्र और वस्तुएं धारण करती हैं
4. वाहन: सिंह
5. शक्ति: शत्रुओं का नाश करने वाली
मां चंद्रघंटा का महत्व:
- माता चंद्रघंटा की पूजा से भक्तों को शक्ति, साहस, और आत्मविश्वास प्राप्त होता है.
- माता बुद्धि और ज्ञान की देवी भी हैं, इसलिए इनकी पूजा से विद्या प्राप्ति में भी सफलता मिलती है.
- माता भक्तों के सभी कष्टों का नाश करती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं.
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि:
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- पूजा स्थान को सजाकर मां चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
- माता को फल, फूल, मिठाई, और दीप अर्पित करें.
- मां चंद्रघंटा का मंत्र "ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः" का 108 बार जप करें.
- माता चंद्रघंटा की आरती करें.
मां चंद्रघंटा का मंत्र:
ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः
या देवी सर्वभूतेषु शांति रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां चंद्रघंटा की आरती:
- जय चंद्रघंटा जय जय चंद्रघंटा.
- कंकु चंद्रहासोद्धारिणी.
- त्रिनेत्रा भगवती दुर्गा.
- देवी शिवा जगन्माता.
यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि में इस तरह लिखें राम का नाम, मिलेंगे 5 बड़े फायदे
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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