logo-image

राजस्थान : स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट, बनाई यह योजना

उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में टॉस्क फोर्स भिजवाने के साथ ही जांच, उपचार एवं रोकथाम के लिए सभी आवष्यक व्यवस्थाएं सुनिष्चित करने के निर्देष दिये हैं.

Updated on: 08 Jan 2019, 09:59 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाये जाने पर रोगी के संपर्क में आये लोगों सहित आसपास रहने वालों की समुचित स्क्रीनिंग की पुख्ता व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में टॉस्क फोर्स भिजवाने के साथ ही जांच, उपचार एवं रोकथाम के लिए सभी आवष्यक व्यवस्थाएं सुनिष्चित करने के निर्देष दिये हैं. उन्होंने प्रदेशवासियों से सर्दी-जुकाम, बुखार, खांसी, नाक बहना जैसे लक्षण पाये जाने पर तत्काल निकटवर्ती चिकित्सा संस्थान से परामर्श लेकर उपचार कराने की अपील की है.
चिकित्सा मंत्री सोमवार को सांय सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय स्वाईन फ्लू समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह, प्रमुख शासन सचिव आयुर्वेद श्री अष्वनी भगत, चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री हेमन्त गेरा, मिषन निदेषक एनएचएम डाॅ.समित शर्मा, निदेषक जनस्वास्थ्य डाॅ.वी.के.माथुर सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे.

यह भी पढ़ें- स्‍वाइन फ्लू को रखना है दूर तो कर लें ये उपाय, आपके किचन में हैं दवाएं

स्वाईन फ्लू के लिये अलग से आउटडोर

डॉ. शर्मा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों, जिला अस्पतालों एवं उपखंड अस्पतालों में स्वाईन फ्लू के मरीजों की जांच एवं उपचार के लिये अलग से आउटडोर प्रारंभ किये गये हैं. इन आउटडोर्स पर स्वाईन फ्लू का उपचार अंकित बैनर्स भी लगाने के निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने स्वाईन फ्लू के लक्षण वाले रोगियों को प्रतीत होते ही संबंधित व्यक्ति का सैम्पल लेकर जांच कराने एवं उन्हें उपचार हेतु टेमी फ्लू प्रारंभ करने पर बल दिया. गंभीर रोगियों की शीघ्र पहचान कर उन्हें समय पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास रैफर करने के निर्देष दिये. उन्होंने बताया कि सभी जिला अस्पतालों में स्वाईन फ्लू के उपचार के लिए अलग से 20 से 25 बैड आरक्षित करते हुए आवश्यकतानुसार आईसीयू वार्ड में वेन्टीलेटर्स भी आरक्षित किये गये हैं.

दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेष के सभी चिकित्सा संस्थानों में स्वाईन फ्लू के उपचार के लिए आवष्यक टेमीफ्लू दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. सभी चिकित्सा संस्थानों में इस दवा की आपूर्ति को नियमित बनाये रखने के लिए निर्देष जारी किये गये हैं. आवश्यकतानुसार उप स्वास्थ्य केन्द्रों में भी टेमी फ्लू की आपूर्ति की जायेगी. स्वाईन फ्लू के ईलाज में लगे चिकित्साकर्मियों के वैक्सीन लगाने के लिये वैक्सीन तथा जांच के लिये वीटीएम भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.

स्वाईन फ्लू पॉजिटिव के सम्पर्क में आए लोगों की स्क्रीनिंग

चिकित्सा मंत्री़ ने बताया कि स्वाईन फ्लू की रोकथाम के लिए चिकित्सा अधिकारियों एवं चिकित्साकर्मियों को स्वाईन फ्लू पाॅजिटिव पाये प्रत्येक मामले में उसके परिजनों सहित पड़ोसियों की भी स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जा रही है. उन्होंने स्क्रीनिंग कार्य में विषेष गुणवत्ता बनाये रखने की आवष्यकता प्रतिपादित की तथा चिकित्साधिकारियों को स्क्रीनिंग कार्यों की क्रास वेरिफिकेशन कराने के निर्देष दिये.

सैंपल कलेक्शन

डाॅ. शर्मा ने जिला, सैटेलाईट व उपखण्ड स्तरीय अस्पतालों में सेम्पल कलेक्षन की सुविधायें प्रदान करने तथा समय पर सेम्पल जांच कर रिपोर्ट की व्यवस्था की है. उन्होंने स्वाईन फ्लू प्रभावित क्षेत्रों में सूचना प्राप्त होते ही स्क्रीनिंग सहित प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं.

रेपिड रेस्पाॅन्स टीमें

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि स्वाईन फ्लू प्रभावित क्षेत्रो में संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को रेपिड रेस्पाॅन्स टीमें गठित करवाकर घर-घर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. स्वाइन फ्लू के बारे में राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 0141-2225624 एवं 0141-2225000 है व टोल फ्री नम्बर 104 व 108 से जानकारी प्राप्त की जा सकती है एवं सूचना दी जा सकती है.

बिना अनुमति मुख्यालय ना छोड़े

स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के समस्त चिकित्साकर्मियों को बिना अनुमति मुख्यालय न छोड़ने के लिये पाबन्द किया गया है. उन्हांेने निर्धारित समय पर स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्साकर्मियों की उपलब्धता सुनिष्चित करने के निर्देष दिये हैं.

आयुष पद्धतियों का भी उपयोग करने के निर्देष

डाॅ. शर्मा ने आयुर्वेद होम्योपैथी, यूनानी सहित आयुष पद्धतियांे से भी स्वाईन फ्लू की रोकथाम एवं उपचार में आवष्यक सहयोग प्राप्त करने के निर्देश दिये. उन्हांेने आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग के समस्त आयुष चिकित्सकों व सहयोगी कार्मिकों के अवकाश भी तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिये हैं.

नियंत्रण कक्षों को प्रभावी बनायें

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में स्वाईन फ्लू पर नियंत्रण, रोकथाम एवं उपचार के लिए की गयी आवश्यक व्यवस्थाओं की निदेशालय स्तर पर दैनिक माॅनिटरिंग की जा रही है. स्वाईन फ्लू के लिए अनवरत 24 घंटों कार्यरत राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय नियंत्रण कक्षों को प्रभावी बनाये रखने तथा इन पर सूचना प्राप्त होते ही तत्काल प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं.

प्रभारी अधिकारी नियमित निरीक्षण करें

चिकित्सा मंत्री ने प्रभारी अधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रांे तक जाकर स्वाईन फ्लू के उपचार व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर जायजा लेने एवं रोकथाम के सभी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देष दिये हैं. चिकित्सा मंत्री ने मौसमी बीमारियों को दृष्टिगत रखते हुए चिकित्सकों के निर्धारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को स्थगित करने के भी निर्देश दिये है.

व्यापक जनजागरूता आवश्यक

डाॅ. शर्मा ने स्वाईन फ्लू के लक्षणों, रोकथाम के उपाय तथा उपचार आदि की व्यवस्था के लिए व्यापक जनजागरूकता की आवष्यकता प्रतिपादित की. उन्होंने सोषल मीडिया द्वारा भी जनचेतना जाग्रत करने पर बल दिया. उन्हांेने जनजागरूकता हेतु स्कूली विद्यार्थियों को स्वाईन फ्लू संबंधित जानकारियों के पैम्पलेट्स वितरित करनेे के भी निर्देष दिये हैं.

विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग कराने के निर्देश

शिक्षण संस्थानों को स्वाईन फ्लू के लक्षण वाले विद्यार्थियों को विद्यालय नहीं आने के लिए प्रेेरित करने के लिए कहा गया है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को शिक्षण संस्थान में पाॅजीटिव मामला पाये जाने पर अन्य बच्चों की भी स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिये है.