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भारत के रुख़ से घबराया पाकिस्तान, सिंधु जल समझौते पर पहुंचा वर्ल्ड बैंक

पाकिस्तान ने 56 साल पुरानी सिंधु जल बंटवारा संधि को रद्द करने की आशंकाओं के बीच वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) रुख़ किया है।

Updated on: 28 Sep 2016, 09:20 AM

नई दिल्ली:

उरी हमले के बाद सिंधुजल समझौते पर भारत के रुख़ से घबराए पाकिस्तान ने विश्व बैंक से मदद मांगी है। पाकिस्तान ने 56 साल पुरानी सिंधु जल बंटवारा संधि को रद्द करने की आशंकाओं के बीच वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) रुख़ किया है। 

हालांकि संधि को लेकर भारत ने अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं किया है। लेकिन पाकिस्तान पहले से ही भारत पर दबाव डलवाने की कोशिश में जुट गया है।

पाकिस्तानी समाचार चैनल जियो न्यूज के अनुसार मंगलवार को पाकिस्तानी अटर्नी जनरल अशतर आसिफ अली के नेतृत्व में पाकिस्तानी अफसरों ने वाशिंगटन डीसी स्थित विश्व बैंक के मुख्यालय में विश्व बैंक के अफसरों से मुलाकात की।

पाकिस्तानी डेलीगेशन ने विश्व बैंक को सिंधु जल समझौते, 1960 के अनुच्छेद 9 का हवाला देकर मदद मांगी है। पाक अफसरों ने विश्व बैंक से मामले के निपटारे के लिए जजों की नियुक्ति करने की अपील भी की।

पाकिस्तानी जियो न्यूज के अनुसार पाकिस्तान ने विगत 19 अगस्त को सिंधु जल समझौते पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में भी दस्तक दी है।

पाकिस्तान ने 19 अगस्त को औपचारिक रूप से भारत से किशन गंगा निर्माण विवाद और झेलम और नीलम नदी पर बन रहे रतल हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट के विवाद को भी सुलझाने की अपील की थी।

डेलीगेशन में अमेरिका में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर जलील अब्बास जिलानी भी मौजूद थे। विश्व बैंक ने तटस्थ रहकर मुद्दों को सुलझाने का आश्वासन दिया है।