Flight Mode: Smartphone में फ्लाइट मोड का क्या काम? प्लेन में ऑन करना क्यों जरूरी?
Flight Mode in Smartphone : आपने ध्यान दिया होगा कि आपके स्मार्टफोन में फ्लाइट मोड ( Flight Mode in Smartphones ) का ऑप्शन रहता है. आप जैसे ही उसे ऑन करते हैं, आपके मोबाइल फोन का नेटवर्क गायब हो जाता है. कभी सोचा है आपने, कि ऐसा क्यों है?
highlights
- फोन में फ्लाइट मोड का काम बहुत जरूरी
- प्लेन में मोबाइल फोन के नेटवर्क से होती है दिक्कत
- एयरप्लेन मोड का मतलब प्लेन में नेटवर्क होता बिल्कुल नहीं
नई दिल्ली:
Flight Mode in Smartphone : आपने ध्यान दिया होगा कि आपके स्मार्टफोन में फ्लाइट मोड ( Flight Mode in Smartphones ) का ऑप्शन रहता है. आप जैसे ही उसे ऑन करते हैं, आपके मोबाइल फोन का नेटवर्क गायब हो जाता है. कभी सोचा है आपने, कि ऐसा क्यों है? क्यों हर फोन-स्मार्टफोन में फ्लाइट मोड का ऑप्शन दिया जाता है? वैसे, काफी लोग जिन्होंने हवाई यात्रा नहीं की है, उन्हें लगता है कि इस मोड में फोन करने से प्लेन के सफर के दौरान स्पेशल नेटवर्क पकड़ता है. लेकिन ये बात बिल्कुल सच नहीं है. सच तो ये है कि प्लेन में मोबाइल फोन के इस्तेमाल से दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है. ऐसा कैसे हो सकता है, वो हम समझा रहे हैं...
स्मार्टफोन में एयरप्लेन मोड होने की ये है खास वजह
हवाई जहाज की यात्रा करते समय यात्रियों को उनके फोन को फ्लाइट मोड में डालने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हवाई जहाज एक निश्चित रास्ते पर चलता है और वो रेडार की नजर में होता है. वो हर समय एटीसी से जुड़ा रहता है. पायलट को एटीसी से निर्देश मिलते रहते हैं और किसी भी आपात स्थिति में एटीसी से संपर्क कर उन्हें सूचित करता है. लेकिन फोन में मोबाइल फोन या स्मार्टफोन होने की वजह से मोबाइल का सिग्नल पायलट और एटीसी ( ATC ) के बीच के संपर्क को काट देता है. चूंकि जहाज और एटीसी उपग्रह के माध्यम से एक निश्चित फ्रीक्वेंसी पर जुड़े होते हैं, ऐसे में मोबाइल फोन की वजह से उस फ्रीक्वेंसी पर संपर्क बनाए रखने में दिक्कत होती है.
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इस तरह के जहाजों में नहीं होती कोई समस्या
अगर ऐसा न किया जाए, तो मोबाइल के सिग्नल और हवाई जहाज के सिग्नल आपस में टकरा कर संचार को बाधित कर सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में पायलट को किसी भी तरह का निर्देश नहीं मिल पाएगा. न ही उसे आसपास मौजूद जहाजों की स्थिति की जानकारी मिल पाएगी. यही वजह है कि हवाई जहाज में चढ़ते ही यात्रियों से अनुरोध किया जाता है कि वो अपने स्मार्टफोन को फ्लाइट मोड में डाल दें, ताकि इस तरह की कोई समस्या आए ही नहीं. फ्लाइट मोड में फोन के जाते ही उसका संपर्क टॉवर से कट जाता है. इस दौरान आप अपने फोन में पहले से डाउनलोड किए गए मीडिया फाइल्स को एक्सेस कर सकते हैं. बस, बातचीत औक इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते. हालांकि आज के समय में राष्ट्राध्यक्षों के लिए बनाए जाने वाले विशेष विमानों में हर तरह की सुविधा रहती है. उनके पास मौजूद फोन भी सेटेलाइट फोन होते हैं. इसलिए उन विमानों में कोई समस्या नहीं होती.
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