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Weird Marriage: देश के इस इलाके में लड़कों की कराई जाती है आपस में शादी, जानें क्या है अजीब रिवाज का राज

शादी का बंधन अटूट बंधन माना जाता है. कहा जाता है कि शादी के लिए जोड़ियां आसमान से बनकर आती हैं.

Updated on: 07 Mar 2023, 01:18 PM

highlights

  • देश के इस इलाके में शादी का अजीब परंपरा
  • होली के एक दिन पहले दो लड़कों की कराई जाती है आपस में शादी
  • पूरा गांव होता है एकजुट, मनाता है जश्न

New Delhi:

Weired Marriage: शादी का बंधन अटूट बंधन माना जाता है. कहा जाता है कि शादी के लिए जोड़ियां आसमान से बनकर आती हैं. यही नहीं ये बंधन एक दो नहीं बल्कि पूरी सात जन्मों का बंधन बताया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शादी को लेकर देश और दुनिया में कई अतरंकी रिवाज भी हैं. इनके बारे में जानकर आप भी दंग रह जाएंगे. ऐसा ही एक रिवाज भारत के कुछ इलाकों में भी निभाया जाता है. यहां शादी को लेकर एक अलग ही प्रथा है. ये प्रथा है दो लड़कों की आपस में शादी कराने की प्रथा. पढ़कर ही आप चौंक गए होंगे. लेकिन ये हकीकत है. होली के त्योहार से पहले दो लड़कों की आपस में शादी कराए जाने के पीछे भी खास वजह है. आइए जानते हैं भारत के किस इलाके में है ऐसा अजीब रिवाज और इस अजीब रिवाज के पीछे क्या है असली राज. 

होली के त्योहार से पहले होती है दो लड़कों की शादी
भारत में शादी को लेकर मनाया जाने वाला ये अजीब रिवाज राजस्थान से जुड़ा है. राजस्थान के बड़ोदिया गांव में होली से ठीक पहले दो लड़कों की आपस में शादी कराए जाने की परंपरा है. खास बात यह है कि ये प्रथा हर वर्ष धूम धाम के साथ मनाई जाती है और इस समारोह में गांव के ज्यादा से ज्यादा लोग हिस्सा भी लेते हैं. 

होली की एक रात पहले निभाते हैं रिवाज
गांव के बुजुर्गों के मुताबिक, इस प्रथा को होली के ठीक पहले की रात को मनाया जाता है. इस रिवाज के मुताबिक दूल्हा और दुल्हन दोनों ही दो छोटे लड़के बनते हैं. इस शादी में पूरा गांव एकजुट होता है और जश्न मनाता है. 

ऐसे चुनें जाते हैं दूल्हा-दुल्हन
शादी के लिए दूल्हा और दुल्हन चुनने का भी एक खास तरीका है. जिन दो लड़कों ने जनेऊ ना पहनें हो वो ही दूल्हा-दुल्हन बन सकते हैं. इन्हें चुनने का काम गांव का गेरिया समुदाय करता है. इस प्रक्रिया को भी गेरिया कहा जाता है. 

होली के एक दिन पहले रात को इन दोनों ही लड़कों को विधि-विधान के साथ अग्नि के चार फेरे लगवाए जाते हैं और सात वचन दिलाए जाते हैं. शादी के बाद दूसरे दिन इनको बैलगाड़ी में बैठाकर पूरे गांव में घुमाया जाता है. इसके बाद गांव वाले एक दूसरे रंग लगाकर होली का त्योहार भी मनाते हैं. 

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ये है अजीब रिवाज का राज
बड़ोदिया गांव के शादी को लेकर इस अजीब रिवाज के पीछे भी गहरा राज है .दरअसल कई वर्षों पहले गांव दो हिस्सों में बंटा हुआ था. ऐसे में लोगों ने दोनों ही गांव के लोगों में प्यार बढ़ाए रखने के लिए एक अजीब तरीका निकाला. दोनों ही गांव से एक-एक लड़के को चुनकर उनकी शादी कराई जाती और जश्न मनाया जाता था. तब से ये परंपरा चली आ रही है.