दो GB डेटा के लिए उपभोक्ता फोरम पहुंचा युवक, की ये अनोखी मांग
बिहार में अग्निपथ के विरोध में 16 जून से जमकर बवाल शुरू हुआ था. ट्रेन और रेलवे स्टेशन फूंके जा रहे थे. मोबाइल के जरिये ग्रुप बनाकर सुनियोजित हंगामे को अंजाम दिया जा रहा था. जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई तो बिहार सरकार एक्शन में आ गई.
पटना:
बिहार में अग्निपथ के विरोध में 16 जून से जमकर बवाल शुरू हुआ था. ट्रेन और रेलवे स्टेशन फूंके जा रहे थे. मोबाइल के जरिये ग्रुप बनाकर सुनियोजित हंगामे को अंजाम दिया जा रहा था. जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई तो बिहार सरकार एक्शन में आ गई. इंटरनेट मीडिया पर अफवाह फैलने से रोकने के लिए भोजपुर समेत राज्य के 20 जिलों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बाद सभी टेलीकॉम कंपनियों ने 17 जून की दोपहर से 20 जून की रात तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी. शहरों में फेसबुक, ट्विटर और वाट्सऐप और इंटरनेट मीडिया पर तस्वीरें, वीडियो या संदेश भेजने पर रोक लगा दी थी.
अब आरा के एक युवक ने एक मोबाइल इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. आनन्द प्रकाश नाम के इस शख्स ने अब अपने चार दिन के मोबाइल डेटा के लिए उपभोक्ता फोरम के दरवाजा खटखटाया है. आनन्द ने इस संबंध में मोबाइल नेटवर्क कंपनी में बातकर चार दिनों का बचा हुआ डेटा की मांग की तो कंपनी ने असमर्थता जता दी. मगर आनंद मानने को तैयार नहीं, उसने उपभोक्ता फोरम के रुख किया है.
दरअसल, नेटबंदी से सबसे ज्यादा नुकसान मोबाइल उपभोक्ताओं को झेलना पड़ा है. क्योंकि, अधिकांश टेलीकॉम कंपनियां प्रीपेड प्लान में प्रतिदिन उपलब्ध कराने वाले डेटा का पैसा पहले ही ले लेती हैं. भोजपुर जिले में विभिन्न टेलकॉम और ब्रॉडबैंड प्रदाता कंपनियों के लगभग पांच लाख स्मार्ट फोन यूजर हैं और विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों के अनुसार स्मार्ट फोन यूजर प्रतिदिन औसतन एक जीबी डेटा का इस्तेमाल करते हैं. चार दिनों की नेटबंदी में औसतन प्रति यूजर चार जीबी डेटा का इंटरनेट इस्तेमाल नहीं हो सका. इस तरह से देखें तो सभी मोबाइल यूजरों को मिलाकर जिले में लगभग 20 लाख जीबी डेटा की बचत मोबाइल कंपनियों को हुई.
आरा के आनंद प्रकाश ने चार दिनों का अपना बचा हुआ डेटा एकमुश्त मोबाइल कंपनी से पाने के लिए कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर बात की. उन्होंने प्रतिदिन दो जीबी डेटा का प्रीपेड प्लान ले रखा है. कंपनी की ओर से कहा गया कि यह दैनिक डेटा का प्लान है और किसी कारणवश दैनिक उपयोग नहीं होने पर इसे आगे समायोजित नहीं किया जा सकता. इसके बाद ग्राहक आनंद प्रकाश ने राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में इसकी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराते हुए कंपनी से डेटा दिलवाने का अनुरोध किया है. ग्राहक का कहना है कि विधि व्यवस्था के आधार पर ट्रेनें रद्द हुईं तो रेलवे यात्रियों के टिकट के पैसे वापस करता है, उसी तरह मोबाइल कंपनियां किसी भी कारण से सेवा नहीं दे पाती हैं तो बचा हुआ डेटा ग्राहकों को क्यों नहीं दे सकतीं?
आंनद की ये डेटा पाने की कोशिश चर्चा में है और अब आनन्द को देख कई उपभोक्ता अपने डेटा क्लेम करने का मन बना रहे हैं. फिलहाल मामला उपभोक्ता फोरम में है और आनंद के साथ सभी को इंतजार इसके नतीजे का है.
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