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फुटबॉल के मैदान में चीन से भिड़ने को भारत तैयार, दो दशक बाद फिर दिखेगा रोमांच

एशिया में टीम लगातार टॉप-10 में और वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-100 में शामिल रहती है.

Updated on: 13 Oct 2018, 06:24 AM

नई दिल्ली:

भारतीय फुटबॉल टीम 21 साल बाद शनिवार को चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच खेलेगी जिसमें हाल की खराब फॉर्म के बावजूद घरेलू टीम जीत की प्रबल दावेदार मानी जा रही है. भारतीय टीम चीन में पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी, हालांकि सीनियर टीमें बीते समय में 17 बार एक दूसरे से भिड़ चुकी हैं. चीन 7 बार भारत में खेला था, ये सभी मैच आमंत्रण टूर्नामेंट नेहरू कप के दौरान खेले गए थे. भारत को 17 मुकाबलों में से एक में भी जीत नहीं मिली जबकि चीन ने 12 मौकों पर फतह हासिल की.

पांच मैच ड्रॉ रहे थे. भारत और चीन की सीनियर टीमें पिछली बार 1997 नेहरू कप में कोच्चि में एक दूसरे से भिड़ीं थी जिसमें 'रेड ड्रैगन्स' ने 2-1 से जीत दर्ज की थी. भारतीय टीम एक बार भी फीफा वर्ल्ड कप में जगह नहीं बना सकी है जबकि चीन ने 2002 में ऐसा किया था जिसमें वह अपने सभी तीनों मैच गंवाकर ग्रुप चरण से बाहर हो गई थी.

वैश्विक मंच पर चीन का इतना दबदबा नहीं है लेकिन एशिया में वह मजबूत फुटबॉल देशों में शुमार रहा है. एशिया में टीम लगातार टॉप-10 में और वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-100 में शामिल रहती है.

अभी चीन फीफा रैंकिंग में 76वें और एशिया में सातवें स्थान पर काबिज है. चीन एशियाई कप में 11 बार खेल चुका है जो महाद्वीपीय देशों का शीर्ष टूर्नमेंट है और इसमें वह दो बार उप विजेता और कई बार तीसरे स्थान पर रह चुका है.

दूसरी ओर भारत एशिया कप में सिर्फ तीन बार (1964 में उप विजेता, 1984 और 2011 में) खेला है और हाल में उसने लंबे समय के बाद फीफा रैंकिंग में टॉप-100 में जगह बनाई.

भारतीय टीम अभी फीफा रैंकिंग में 97वें और एशिया में 15वें स्थान पर शामिल है. एशियाई कप या वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर को छोड़ दें तो टीम हाल के दिनों में महाद्वीप की शीर्ष टीम के खिलाफ नहीं खेली है.

यह मैच दोनों टीमों के बीच फीफा अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैचों की विंडो के समय के दौरान खेला जाएगा जो अगले साल जनवरी में एएफसी एशिया कप की तैयारियों के लिए अहमियत रखता है. इससे भारत की प्रगति का सही अंदाजा लगेगा.

भारतीय कोच स्टीफन कॉन्स्टेनटाइन ने कहा, 'हम पूरी तरह से वाकिफ हैं कि चीन इस क्षेत्र की बड़ी टीम है. उनकी टीम काफी मजबूत होगी. वे आक्रामक फुटबाल खेलना चाहेंगे और गेंद पर भी कब्जा रखना चाहेंगे. हम इस मैच में जीत के इरादे से उतरेंगे लेकिन अगर हम हारते भी हैं तो भी हम सकारात्मक पहलू पर फोकस करेंगे.'