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Kota Hanuman Mandir: बाघेश्वर धाम से भी ज्यादा शक्तिशाली हैं ये मंदिर, यहां बजरंग बली खुद निकलते हैं पर्ची

Kota Hanuman Mandir: विश्व भर में सनातन का प्रचार बढ़ता जा रहा  है. जैसे-जैसे लोगों की धर्म के प्रति आस्था बढ़ रही है , देश में मंदिरों का पर्यटन भी बढ़ रहा है. हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं,जिनका रहस्य और उनकी शक्ति आज भी लोगों को आश्चर्यचकित करती है.

Updated on: 07 Mar 2024, 06:10 PM

नई दिल्ली :

Kota Hanuman Mandir: विश्व भर में सनातन का प्रचार बढ़ता जा रहा  है.  जैसे-जैसे लोगों की धर्म के प्रति आस्था बढ़ रही है , देश में मंदिरों का पर्यटन भी बढ़ रहा है. हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका रहस्य और उनकी शक्ति आज भी लोगों को आश्चर्यचकित करती है. जिसकी जैसी भावना और जिस देवता में आस्था रहती है वो अपने श्रद्धा अनुसार उनकी पूजा करतें हैं, और श्रद्धालुओं के अनुसार भगवन उनकी मनोकामना भी पूरी करते हैं . राजस्थान के कोटा में भी ऐसा ही एक हनुमान जी की मंदिर है, जहां भक्तों का भविष्य हनुमान जी स्वयं लिख कर देते हैं.

कोटा से पंद्रह किलोमीटर दूर पड़ता है नांता गांव जहां भगवान की ये चमत्कारी हनुमान मंदिर है. इस मंदिर में मंगलवार और शनिवर को भक्तों का मजमा लगा रहता है. भक्त अपने सवालों के साथ हनुमान जी के दर्शन के लिए जाते हैं और हनुमान जी सिंदूर से लिख उनकें सवालों का उत्तर देतें है. पंडित जी एक कोरे कागज़ को हनुमान जी के सीने से लगातें हैं और जादुई तरीके से उसपर समाधान अंकित हो जाता हैं, जिसे देख भक्त अचंभित हो उठते हैं.  श्रद्धालुओं का मानना है की बजरंगबली उनकी तकलीफ सुन लेते हैं और उनका दिया हुआ समाधान हर भक्तों को लाभ देता हैं. 

मंदिर के आसपास रहने वाले लोग इसे बहुत खास मानते हैं और उनका मानना है कि हनुमान जी यहां साक्षात् वास करते हैं.  ये प्रक्रिया हफ्ते में केवल दो दिन ही होती है,  लेकिन अब श्रद्धालुओं की भीड़ काफी ज्यादा बढ़ चुकी है, क्योंकि आस-पास के गांव ही नहीं, बल्कि शहर के अलग-अलग कोने से भक्त हनुमान जी की महिमा को सुनकर उनके दर्शन के लिए आते हैं.  

क्या है इस प्राचीन मंदिर का इतिहास ?

माना जाता है कि, इस मंदिर में स्थापित बजरंग बली की मूर्ति को चम्बल के नदी से निकाला गया था.  मूर्ति काफी ख़राब स्तिथि में पाई गई थी, फिर उसे साफ़ करके हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार मंदिर में स्थापित किया गया.  मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पूजा-पाठ शुरू हुई जो आज तक निरंतर है.  जैसे-जैसे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई, स्थानीय लोगों को मंदिर की शक्तियों का आभास हुआ.  ये बातें गाओं से शहर तक फैली और हर दिन नए भक्त हनुमान जी से आशीर्वाद और समाधान लेने के लिए जुड़ते रहें...